G20 summit: बाइडेन ने यूं किया मोदी को सलाम, सुनक पर भी चला जादू, UK देगा हर साल 3000 वीजा, पढ़िए पूरी डिटेल्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन(G20 summit) से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कई अन्य ग्लोबल लीडर्स के साथ अनौपचारिक बातचीत की और कई मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 16, 2022 3:00 AM IST / Updated: Nov 16 2022, 10:31 AM IST

बाली(Bali). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन(G20 summit) से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कई अन्य ग्लोबल लीडर्स के साथ अनौपचारिक बातचीत(informal interactions) की और कई मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया। (पहली तस्वीर-G20 Summit 2022 के दौरान इंडोनेशिया के बाली में मैंग्रोव वन विजिट के दौरान प्रधान मंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन यूं किया सैल्यूट)

बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित दुनिया भर के नेता, 17वें समूह 20 (जी20) शिखर सम्मेलन(G20) Summit) के लिए इंडोनेशिया में एकत्रित हुए हैं। समिट बाली शहर में हो रही है। G20 शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर दो दिन चलेगा। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


यूके के प्रधान मंत्री ऋषि सनक ने एक स्कीम को हरी झंडी दे दी है, जो भारत के युवा पेशेवरों को हर साल यूके में काम करने के लिए 3,000 वीजा मुहैया कराएगी। यह स्कीम 18-30 वर्षीय ओल्ड डिग्री एजुकेटेड भारतीय नागरिकों को एक प्रोफेशनल और कल्चरल एक्सचेंज में भाग लेने का अवसर प्रदान करेगी। यह पारस्परिक मार्ग 2023 की शुरुआत में खुलेगा। यानी अगले साल से वीजा उपलब्ध होगा। यह G-20 समिट के इतर एक बड़ी उपलब्धि है। यूके के प्रधान मंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, "भारत इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला पहला वीज़ा-राष्ट्रीय देश है, जो यूके-इंडिया माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप की ताकत को उजागर करता है।"

बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके यूके के समकक्ष के बीच एक संक्षिप्त बैठक के घंटों बाद पुष्टि हुई। सुनक के पिछले महीने कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली बैठक थी।

भारत के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अमेरिका करेगा 15 मिलियन डॉलर का इन्वेस्ट
अमेरिका की संघीय सरकारी एजेंसी ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (PGII) ने साझेदारी के हिस्से के रूप में भारत के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में 15 मिलियन अमेरीकी डालर से अधिक का निवेश करने का ऐलान किया है। अमेरिका, इंडोनेशिया और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने मंगलवार को बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट की घोषणा की है। इसका उद्देश्य निम्न और मध्यम आय वाले देशों में क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश में तेजी लाना और ग्लोबल इकोनॉमी को मजबूत करना है। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि इंडोनेशिया के बाली में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडन, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन ने जी-20 नेताओं के एक समूह की सह-मेजबानी की। इसका मकसद वैश्विक बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए भागीदारी को मजबूत करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता को सही दिशा में ले जाया जा सके।


यहां जी20 शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 महामारी, यूक्रेन में डेवलमेंट (यानी यु्द्ध) और इससे जुड़ी वैश्विक समस्याओं ने दुनिया में कहर बरपाया है। मोदी ने अफसोस जताया कि ग्लोबल सप्लाई चेन बर्बाद हो गई है। 

भारत की आगामी जी-20 अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि जब समूह के नेता "बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि में मिलेंगे, हम सभी दुनिया को शांति का एक मजबूत संदेश देने के लिए सहमत होंगे।"

मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। पिछले महीने सत्ता संभालने के बाद ऋषि सुनक और मोदी की आमने-सामने पहली बातचीत थी।

पीएमओ ने ट्वीट किया, "जी20ओआरजी शिखर सम्मेलन की शुरुआत में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ एक संक्षिप्त चर्चा।"

मोदी ने सेनेगल के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष मैकी सॉल से मुलाकात की। मोदी ने नीदरलैंड के राष्ट्रपति मार्क रूट से भी मुलाकात की। पीएमओ ने कहा, "बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए नेताओं के लिए अद्भुत अवसर पेश करता है। 

मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर निदेशक गीता गोपीनाथ से भी मुलाकात की। गोपीनाथ ने बाद में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बातचीत बहुत अच्छी रही और उनकी निगाहें भारत की जी20 अध्यक्षता पर हैं।

मोदी ने विश्व व्यापार संगठन( World Trade Organisation) के डायरेक्टर जनरल नोजी ओकोन्जो-इवेला से भी मुलाकात की। मोदी ने पुष्टि की कि G-20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। मोदी ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन जारी रखने के लिए G-20 के महत्व को रेखांकित किया।

PMO ने ट्वीट करके कहा कि जी-20 हमारी अर्थव्यवस्थाओं और उससे आगे के सतत और समावेशी विकास को बहाल करने, मौजूदा जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट से निपटने, वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने और तकनीकी परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहा है।

मोदी ने पुष्टि की कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों को आवाज देगा। उन्होंने कमजोर देशों की सहायता करने में जी-20 की भूमिका पर जोर दिया। जैसे-समावेशी विकास का समर्थन करना, आर्थिक सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना; बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए बेहतर और अभिनव वित्तपोषण मॉडल विकसित करना; जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिक नाजुकता, गरीबी कम करने और एसडीजी हासिल करने जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करना; और बुनियादी ढांचे के अंतर को बंद करने के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण का लाभ उठाना।

भारत 1 दिसंबर, 2022 से एक वर्ष के लिए G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। G20 में 19 देश शामिल हैं: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए और यूरोपीय संघ (ईयू)।

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