इस देश में खाने का संकटः 8 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार, हजारों पर मंडरा रहा मौत का खतरा

ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक 875,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अफगानिस्तान को सहायता नहीं मिली तो लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार हो जाएंगे।

काबुल:  इस समय अफगानिस्तान दुनिया की सबसे खराब मानवीय आपदाओं का सामना कर रहा है। देश में बच्चों को को हेल्दी खाना नहीं मिल पा रहा है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यहां दो-तिहाई लोगों को पोषक खाना नहीं मिल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान मीडिया से पूरी तरह गायब हो गया, जबकि देश मानवीय आपदा से जूझ रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, NGO में महिलाओं के काम करने पर रोक लगने के बाद यह संकट और अधिक बढ़ गया है। यहां 875,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अफगानिस्तान को सहायता नहीं मिली तो लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार हो जाएंगे।

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अफगानिस्ता में 875,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार

ह्यूमन राइट्स वॉच ने रिपोर्ट में कहा, "देश की दो-तिहाई आबादी में फूड इनसिक्योरिटी है। यहां 875,000 बच्चे गंभीर कुपोषण से जूझ रहे हैं। इनमें महिलाएं और लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित हैं।" वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक का कहना है कि अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति गंभीर बनी हुई है और वहां हमारे ऑपरेशन भी कम हैं।

इन देशों में सबसे ज्यादा फूड क्राइसिस

इससे पहले विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अफगानिस्तान उन सात देशों में शामिल हैं, जहां सबसे ज्यादा खाद्य संकट है। बता दें कि अफगानिस्तान के अलावा बुर्किना फासो, हैती, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और यमन में फूड क्राइसिस चरम पर है।

अफगानिस्तान में कुपोषण से मर सकते हैं हजारों बच्चे

इस बीच,यूनिसेफ ने कहा है कि देश में फंडिंग की कमी के कारण लोगों को खाद्य सहायता नहीं मिल पा रही है। यूनाइटेड नेशनल चिल्ड्रन फंड (UNICEF) की पोषण प्रमुख मेलानी गैल्विन ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि इस साल अफगानिस्तान में हजारों बच्चे कुपोषण से मर सकते हैं। 

गैल्विन ने आगे बताया कि ग्लोबल फूड ओर्गनाइजेशन को देश भर में कुपोषण के इलाज और स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग के लिए आवश्यक सप्लाई के मिलने वाली 21 मिलियन अमरीकी डालर राशि नहीं मिली है। इस कारण संगठन को रेडी-टू-यूज थेराप्यूटिक फूड(RUTF) की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि RUTF को एक आवश्यक रेडीमेड फूड सप्लीमेंट माना जाता है जो कुपोषण से पीड़ित बच्चों को ठीक करता है।

गौरतलब है कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसा आने के बाद से लाखों लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं और देश की अर्थव्यवस्था अब ठीक नहीं हो पाई है। इस वजह से यहां के लिए भूखमरी और गरीबी से जूझ रहे हैं।

यह भी पढ़ें- खतरनाक देश के इस बाजार में सिर्फ महिलाओं का राज, बैन के बावजूद बिना डरे कर रहीं बिजनेस

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