सार
तालिबान शासन ने भले ही अफगान महिलाओं के नौकरी करने पर पाबंदी लगा दी हो, लेकिन इसके बावजूद महिलाओं ने हेरत में एक बाजार शुरू किया है। इस बाजार में कुल 46 दुकानें हैं।
काबुल: तालिबान का शासन आने के बाद से अफगान महिलाओं की स्थिति काफी खराब हो गई है। उनकी पढ़ाई से लेकर नौकरी करने तक पर पाबंदी लगा दी गई है। इन प्रतिबंधों के कारण हजारों महिलाओं को अपनी नौकरी छो़ड़नी पड़ी और अब वह घर पर रहने के लिए मजबूर हैं। इस बीच देश के हेरात क्षेत्र की महिलाओं ने एक बाजार स्थापित किया है। यह बाजार उनके लिए काम के अवसर पैदा कर रहा है। लगभग 6 महीने पहले खुले इस बाजार की सभी दुकाने महिलांए चलाती हैं। हेरात शहर के मरमार बाजार में महिलाएं अपने हैंडिक्राफ्ट और अन्य प्रोडक्ट को बेच रही हैं। यह हेरात में महिलाओं का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।
एक महिला दुकानदार महताब अहमदी का कहना है कि महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों के बीच महिलाओं द्वारा बाजार की स्थापना करना एक चमत्कार है। महिलाओं ने जिस तरह से मौजूदा प्रतिबंधों की बीच बाजार खोला है, उससे पूरे देश को यह मैसेज मिलेगा कि अफगान महिलाएं कभी सरेंडर नहीं करेंगी।
घर के बाहर काम करना चाहती हैं अफगान महिलाएं
महिला दुकानदार ने आगे कहा कि हमें काम करने और अपने परिवार की आर्थिक रूप से मदद करने की जरूरत है। यह अन्याय है कि हम घर पर रहें और दूसरों पर निर्भर रहें। अहमदी ने कहा, "मरमार बाजार की स्थापना उन महिलाओं और लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने घरों से बाहर निकल कर काम करना चाहती हैं।"
अफगान महिलाओं को बेहतर जिदंगी की उम्मीद
एक अन्य महिला दुकानदार मर्जिया गुलामी ने कहा, “वह घर से बाहर आकर काम कर रही हैं, यह उनकी लिए खुशी की बात है। अपनी दुकान शुरू करने के बाद मुझे फिर से अपनी जिंदगी बेहतर बनाने की उम्मीद मिली है। दुकान से मेरी इंकम होती है, जिससे मैं अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर सकती हूं।”
मर्जिया ने आगे कहा कि मैने अपना कारोबार पूरे उत्साह और मोटिवेशन के साथ शुरू किया है। मैं इसे आगे बढ़ाना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं और लड़कियों को मौका दिया जाए तो वे न केवल अपने परिवारों की मदद कर सकती हैं, बल्कि वह अपने भविष्य को और भी बेहतर बना सकती हैं।
महिलाएं चलाती हैं बाजार की सभी दुकानें
बता दें कि मरमार बाजार में कुल 46 दुकानें हैं। इन सभी दुकानों को महिलाएं और लड़कियां चलाती हैं। इन महिलाओं के परिवार में 7 से 8 सदस्यीय हैं। ऐसे में अगर वह काम नहीं करेंगी, तो उनको दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल हो जाएगा।
गौरतलब है कि हाल के महीनों में अफगान महिलाओं और लड़कियों पर बढ़ते प्रतिबंधों के बावजूद सैकड़ों महिलाओं ने हेरात में अपनी बिजनेस एक्टिविटीज को काफी बढ़ाया है।