
वर्ल्ड डेस्क। मध्य मोरक्को के माराकेश में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप के चलते मरने वालों की संख्या 2 हजार से अधिक हो गई है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.8 थी। भूकंप के चलते 2,059 लोग घायल हुए हैं। यह छह दशकों से भी अधिक समय में मोरक्को में आया सबसे घातक भूकंप था।
भूकंप के चलते माराकेश शहर समेत दूर-दराज के पहाड़ी गांवों में भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों घर गिर गए हैं। बचावकर्मी मलबा हटाकर लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच दुनिया भर से मोरक्को के लिए मदद आने लगी है। मदद करने वालों में पड़ोसी देश अल्जीरिया भी शामिल है। इसने दो साल पहले मोरक्को के साथ संबंध तोड़ दिए थे।
अल्जीरिया ने मोरक्को को की सहायता की पेशकश
दशकों से चले आ रहे झगड़े के बावजूद अल्जीरिया ने मोरक्को को मानवीय सहायता की पेशकश की है। अल्जीरिया ने मोरक्को में मानवीय सहायता या चिकित्सा निकासी उड़ानों को आने-जाने की अनुमति देने के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलने की पेशकश की है। अल्जीरिया और मोरक्को की सीमा 1994 से बंद है। हवाई क्षेत्र 2021 से बंद है। तुर्की, कतर, फ्रांस, जर्मनी, इजराइल, कतर, दुबई और जॉर्डन ने भी सहायता की पेशकश की है।
ऐतिहासिक शहर माराकेच में हुआ भारी नुकसान
भूकंप के चलते मोरक्को के ऐतिहासिक शहर माराकेच में भारी नुकसान हुआ है। यहां सैकड़ों घर गिर गए हैं। कई पुराने भवन मलबे में बदल गए। माराकेच यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। भूकंप का केंद्र माराकेच से लगभग 43.5 मील दक्षिण में एटलस पर्वत में था। यह उत्तरी अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी टूबकल और मोरक्को के लोकप्रिय स्की रिसॉर्ट ओकाइमेडेन के पास था। भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 11 मील नीचे था।
बता दें कि 2004 में पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में आए भूकंप में कम से कम 628 लोग मारे गए थे। 1980 में पड़ोसी अल्जीरिया में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 2,500 लोग मारे गए थे और कम से कम 300,000 बेघर हो गए थे।
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