Earthquake: म्यांमार में ज़लज़ला ने बरपाया कहर, तबाही के मंजर में अपनों को तलाशते लोग, टूटे घर, बिखरे सपने

सार

Earthquake: म्यांमार (Myanmar) में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही मची। अब तक 144 लोगों की मौत और 732 के घायल की पुष्टि हुई है। राजधानी नेपीडॉ (Naypyidaw) समेत कई इलाकों में इमारतें ढह गईं। थाईलैंड और बांग्लादेश तक झटके महसूस किए गए।

 

Earthquake: म्यांमार (Myanmar) के सगाइंग (Sagaing) इलाके में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि कुछ ही पलों में जिंदगियां बिखर जाएंगी। तेज झटकों ने लोगों को घरों से बाहर भागने पर मजबूर कर दिया। राजधानी नेपीडॉ (Naypyidaw) और मंडाले (Mandalay) में इमारतें गिर गईं, सड़कें फट गईं और दर्जनों लोग मलबे के नीचे दब गए। अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 732 लोग घायल हैं।

मलबे में अपनों की तलाश

मंडाले की गलियों में लोग अपने की तलाश में इधर-उधर भटक रहें, बिलख रहें। अधिकतर की निगाहें मलबे के ढेर पर टिकी हैं, जहां कभी उनका घर हुआ करता था। बचावकर्मी लगातार खोजबीन कर रहे हैं लेकिन अब तक बहुत सारे लोगों का सुराग नहीं मिला। हर कोई अपने-अपनों की तलाश में हैं। किसी का बेटा तो किसी का भाई, पति, पत्नी बिछड़ गए हैं। हर गली, हर सड़क पर कोई न कोई अपने परिवार के बिछड़े सदस्यों को खोज रहा है। उम्मीद अब भी बाकी है, लेकिन हर बीतता पल दर्द को और बढ़ा रहा है। एक बुजुर्ग अपने पोते की तलाश में बेतहाशा परेशान हैं। आंखों में आंसू और कंपकंपाते होठों से वह इतना ही कह पाते हैं कि वो खेल रहा था, फिर अचानक जमीन हिलने लगी… मैंने उसे अपने हाथों से पकड़ने की कोशिश की लेकिन वो मुझसे छूट गया।

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मस्जिद में गूंजती चीखें, जलता विश्वविद्यालय

मंडाले की एक मस्जिद में नमाज के दौरान छत गिर गई। अंदर मौजूद लोगों की चीखें दूर-दूर तक सुनाई दीं। कुछ ही दूरी पर एक विश्वविद्यालय की इमारत में आग लग गई, जहां छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। एक छात्र ने रोते हुए कहा: हम दौड़ते रहे, लेकिन धुआं चारों तरफ फैल गया... मेरे दोस्त अंदर ही रह गए।

थाईलैंड, चीन तक महसूस हुए झटके

भूकंप का असर सिर्फ म्यांमार तक सीमित नहीं रहा। बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत गिर गई, जिसमें 84 मजदूर फंस गए। चीन (China) के युन्नान प्रांत और भारत के कोलकाता व मणिपुर तक झटके महसूस किए गए।

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने X पर लिखा: हम म्यांमार के लोगों के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद के लिए तैयार हैं। भारत की आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्यों के लिए तैयार हैं।

टूटी सड़कें, मुश्किल में राहत अभियान

यांगून (Yangon) और मंडाले (Mandalay) के बीच की सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, जिससे राहत कार्य में देरी हो रही है। लोग अपने रिश्तेदारों की तलाश में सड़कों पर भटक रहे हैं।

म्यांमार में भूकंप का इतिहास

भूकंप म्यांमार के लिए नया नहीं है। 1930 से 1956 के बीच सगाइंग फॉल्ट (Sagaing Fault) के पास छह बड़े भूकंप आए थे। 2016 में बागान (Bagan) में आए भूकंप ने भी कई लोगों की जान ली थी।

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