
इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA को लोकसभा चुनाव में जीत मिली। इसके साथ ही यह तय हो गया कि नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए पीएम बनने जा रहे हैं। चुनाव जीतने पर पूरी दुनिया से नरेंद्र मोदी को बधाई दी गई, लेकिन पाकिस्तान सन्न रहा। पाकिस्तान की ओर से बधाई नहीं दी गई। भारत ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों को बुलाया, लेकिन पाकिस्तान को नहीं।
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से बताया गया है कि उसने नरेंद्र मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई क्यों नहीं दी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है। हम बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाना चाहते हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री को बधाई देना जल्दबाजी होगी
बलोच से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है? इसपर उन्होंने कहा, "भारत के लोगों को अधिकार है कि वे किसे अपना नेता चुनते हैं। हमें उनकी चुनावी प्रक्रिया पर कोई बात नहीं करनी है। अभी नई सरकार ने आधिकारिक तौर पर शपथ नहीं ली है। इसलिए भारतीय प्रधानमंत्री को बधाई देने के बारे में बात करना "जल्दबाजी" होगी।"
बलोच ने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा भारत समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक संबंध चाहा है। हमने जम्मू-कश्मीर के मुख्य विवाद समेत सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए लगातार रचनात्मक बातचीत की वकालत की है।"
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से खराब है भारत-पाकिस्तान के रिश्ते
बता दें कि भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से अपने रिश्ते को डाउनग्रेड कर दिया था। पाकिस्तान का मानना है कि धारा 370 हटाने से बातचीत के माहौल को नुकसान पहुंचा है। दूसरी ओर भारत का कहना है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। धारा 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है।
भारत लगातार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। सामान्य संबंध हों इसके लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।
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