
फ्लोरिडा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA (National Aeronautics and Space Administration) ने सात अंतरिक्ष यात्रियों को अपने स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पहुंचाया है। रॉकेट को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थिति नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से शनिवार को स्थानीय समय अनुसार 3:27 बजे लॉन्च किया गया।
शनिवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजे गए सात अंतरिक्ष यात्री वहां काम कर रहे अंतरिक्ष यात्रियों की जगह लेंगे। स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट ने ड्रैगन अंतरिक्ष यान को कक्षा में लॉन्च किया। इस अंतरिक्ष यान ने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाया। अब यह स्पेस स्पेस स्टेशन में पहले से काम कर रहे अंतरिक्ष यात्रियों का वापस धरती पर लाएगा।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजे गए वैज्ञानिक करेंगे 200 से अधिक प्रयोग
जिन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचाया गया है उनमें नासा के जैस्मिन मोघबेली, यूरोपीय स्पेस एजेंसी के एंड्रियास मोगेन्सन, जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के सातोशी फुरुकावा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के कॉन्स्टेंटिन बोरिसोव शामिल हैं। ये अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में चंद्रमा, मंगल और उससे आगे के स्पेस मिशनों की तैयारी के लिए 200 से अधिक प्रयोग करेंगे।
क्या है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन?
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एक प्रयोगशाला है जिसे अंतरिक्ष में स्थापित किया गया है। यह किसी उपग्रह की तरह पृथ्वी के चक्कर लगाता रहा है। यहां रहकर वैज्ञानिक खोज करते हैं। यहां तक अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को पहुंचाया जाता है। इसका संचालन मुख्य रूप से नासा और रोस्कोस्मोस द्वारा किया जाता है।
अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा पृथ्वी से लगभग 402 किलोमीटर ऊपर है। इसे कई टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। अंतरिक्ष स्टेशन का पहला टुकड़ा 1998 में लॉन्च किया गया था। एक रूसी रॉकेट ने उस टुकड़े को लॉन्च किया था। उसके बाद और टुकड़े जोड़े गए। दो साल बाद स्टेशन लोगों के लिए तैयार हो गया। पहला दल 2 नवंबर 2000 को यहां भेजा गया था। इसके बाद से लोग अंतरिक्ष स्टेशन पर रह रहे हैं। समय के साथ और भी टुकड़े जोड़े गए हैं। नासा और दुनिया भर में उसके साझेदारों ने 2011 में अंतरिक्ष स्टेशन का काम पूरा किया था।
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