
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें इमरान खान की गिरफ्तारी के दौरान हुई हिंसा में तोड़-फोड़ कीआलोचना की गई है। यह प्रस्ताव सांसद वजीहा कमर ने पेश किया था। इस दौरान सांसदों ने यह भी मांग की कि पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान पर आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाए।
सांसदों ने कहा कि ऐसे लोगों ने अराजकता और हंगामा करके और पब्लिक और प्राइवेट संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे राज्य विरोधी लोग किसी भी तरह की नरमी के लायक नहीं हैं और उन्हें पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ प्रस्ताव
इससे पहले असेबंली ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) उमर अता बांदियाल के खिलाफ भी एक प्रस्ताव पेश किया और उनके खिलाफ सर्वसम्मति से एक विशेष समिति के गठन की मांग की मुख्य न्यायाधीश लाए गए प्रस्ताव में उनके खिलाफ मिसकंडक्ट और शपथ से भटकने के लिए मामला दायर किया गया था। यह प्रस्ताव पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की डॉ शाजिया सोबिया ने पेश किया था।
राजनीतिक पार्टी का समर्थन कर रहा है कोर्ट
सदन के पटल पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मौजूदा को देखते हुए लगता है कि संसद को अपनी संवैधानिक भूमिका निभाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के 75 साल के इतिहास में ऐसी कई फैसले किए गए जिनका देश पर गहरा प्रभाव पड़ा है, लेकिन अब न्यायपालिका ने राजनीतिक पार्टी का समर्थन करना शुरू कर दिया है।
कोर्ट का मकसद इमरान खान को राहत देना
उन्होंने कहा कि पंजाब चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट कै फैसला संवैधानिक मूल्यों पर बेस्ड नहीं था। इस फैसले का मकसद केवल इमरान खान को राहत देना था। रक्षा मंत्री ने कहा कि इमरान अपने इंटरेस्ट के अलावा किसी और के प्रति वफादार नहीं हो सकते।
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