
Nepal Violence: नेपाली सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्डेल ने जेन जेड प्रदर्शनकारियों से बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान निकालने का आग्रह किया। कहा कि सेना के जवानों को व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है।
मंगलवार देर रात जारी एक रिकॉर्डेड वीडियो बयान में सेना प्रमुख ने कहा, “विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यापक क्षति हुई है। आगे संपत्ति के नुकसान को रोकने और शांति, सुरक्षा व सद्भाव बनाए रखने के लिए, राष्ट्रीय एकता और सद्भाव हमारा साझा कर्तव्य है।” जनरल सिग्डेल ने अपने संबोधन में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
सिग्डेल ने कहा, "इस असहज स्थिति को कम करना, राष्ट्रीय विरासत, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों, आम नागरिकों, राजनयिक मिशनों और जनता को सुरक्षा की भावना देना और सर्वोपरि हितों की रक्षा करना हमारा साझा कर्तव्य है। इसलिए, देश को शांतिपूर्ण तरीकों से इस विषम परिस्थिति से बाहर निकालने के लिए, मैं विरोध करने वाले समूह से विरोध की योजना रद्द करने और बातचीत का आह्वान करने का अनुरोध करता हूं।"
सेना प्रमुख का बयान जारी होने के कुछ मिनट बाद नेपाल की रक्षा सुरक्षा संस्था ने कहा कि अगर लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ जारी रही तो "रात 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) से अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ सैनिकों को तैनात किया जाएगा। नेपाल सेना ने कहा,
मौजूदा प्रतिकूल स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए, कुछ समूह नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचा रहे हैं। लूटपाट और आगजनी कर रहे हैं। नेपाल सेना एक बार फिर ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने का आग्रह करती है। अगर ऐसी गतिविधियों को नहीं रोका गया तो हम आपको सूचित करते हैं कि नेपाल सेना और सभी सुरक्षा एजेंसियां, अपनी मुख्य जिम्मेदारी में नेपाल और नेपालियों की सुरक्षा के लिए स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रात 10 बजे से तैनात होंगी। हम पूरे देश से सहयोग की भी अपील करते हैं। इसके बाद, सुरक्षा स्थिति का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा और आगे की जानकारी जारी की जाएगी।
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बता दें कि सेना की ओर से यह चेतावनी तब आई है जब सिंह दरबार, सुप्रीम कोर्ट और संसद भवन सहित राज्य संस्थानों में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। नेताओं, पुलिस और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर हमलों ने नेपाल को आपातकाल जैसी उथल-पुथल की स्थिति में धकेल दिया है।
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