नेपाल में 2 महीने बाद फिर डराने वाले हालात, सड़कों पर Gen-Z; लगाना पड़ा कर्फ्यू

Published : Nov 20, 2025, 04:33 PM ISTUpdated : Nov 20, 2025, 04:45 PM IST
Nepal Curfew

सार

नेपाल में एक बार फिर बद से बदतर हालात देखने को मिल रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल के बारा जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है, क्योंकि खुद को Gen Z बताने वाले युवा CPN-UML कैडर के साथ झड़प के एक दिन बाद सड़कों पर उतर आए हैं।

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में दो महीने पहले यानी सितंबर में बिगड़े हालातों के चलते भारी तबाही मची थी। वहीं तस्वीर एक बार फिर देखने को मिल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल के बारा जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है, क्योंकि खुद को Gen Z बताने वाले युवा CPN-UML कैडर के साथ झड़प के एक दिन बाद सड़कों पर उतर आए हैं। गुरुवार 20 नवंबर की सुबह से ही प्रदर्शनकारी सिमारा की सड़कों पर जमा हो रहे थे और पुलिस के साथ उनकी झड़पें चल रही थीं। असिस्टेंट चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर छविरामन सुबेदी के मुताबिक, पुलिस के साथ झड़प के बाद हालात को कंट्रोल में लाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। यह घटना बुधवार को हुई झड़पों में छह Gen Z प्रदर्शनकारियों के घायल होने के एक दिन बाद हुई है।

नेपाल में क्यों फैला तनाव?

बारा जिले में तनाव तब शुरू हुआ जब UML (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) नेताओं ने 5 मार्च, 2026 को होने वाले चुनाव से पहले जिले का दौरा करने की योजना बनाई। झड़प तब हुई जब बुद्ध एयर की एक फ्लाइट, जिसमें CPN-UML के जनरल सेक्रेटरी शंकर पोखरेल और पार्टी के युवा नेता महेश बसनेत थे, काठमांडू से सिमारा के लिए टेक ऑफ करने वाली थी, जहां उन्हें सरकार विरोधी रैली को एड्रेस करना था। जैसे-जैसे टकराव बढ़ा, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ी, जिससे एयरपोर्ट पर ऑपरेशन रोकना पड़ा।

जेन-जी ने केपी ओली को पद छोड़ने पर किया मजबूर

सितंबर में नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर कुछ समय के लिए बैन लगा दिया था, जिसके बाद जेन-जी भड़क उठे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए हिंसक रूप अपना लिया। इस दौरान नेपाल में हुई हिंसा में कम से कम 76 लोग मारे गए थे। प्रदर्शनकारियों ने उस समय के प्रधानमंत्री और UML के चेयरमैन केपी ओली को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।

सुशीला कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री

बाद में नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस 73 साल की सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। वो नेपाल की पहली महिला पीएम भी हैं। बता दें कि सुशीला कार्की को जुलाई, 2016 में नेपाल की 24वीं प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। कार्की को तत्कालीन शेरबहादुर देउबा सरकार द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था, जिसे राजनीतिक रूप से पक्षपाती माना गया था और बाद में इसे वापस लेना पड़ा था।

 

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

13 लोगों के हत्यारे को पीड़ित के 13 वर्षीय रिश्तेदार ने 80 हजार लोगों के सामने दी फांसी
दिल्ली में पुतिन का पावर शो! मोदी-पुतिन मुलाकात में क्या हुआ? देखिए अंदर की शानदार तस्वीरें