Netherlands Recessions: मंदी की चपेट में आया नीदरलैंड्स, दूसरी तिमाही में भी 0.3% गिरी GDP

हाल ही में जारी किए गए स्टैटिक्स के आंकड़े बताते हैं कि यूरोपीय देश नीदरलैंड आर्थिक मंदी की चपेट में आ चुका है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि डट अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश कर चुकी है क्योंकि जीडीपी में लगातार दूसरी तिमाही में भी गिरावट दर्ज हुई है।

Recessions Netherland. हाल ही में जारी किए गए स्टैटिक्स के आंकड़े बताते हैं कि यूरोपीय देश नीदरलैंड आर्थिक मंदी की चपेट में आ चुका है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि डच अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश कर चुकी है क्योंकि जीडीपी में लगातार दूसरी तिमाही में भी गिरावट दर्ज हुई है।

दूसरी तिमाही में 0.3 प्रतिशत की गिरावट

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नीदरलैंड्स स्टैटिक्स द्वारा बुधवार को प्रकाशित पहले अनुमान से पता चला है कि डच अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश कर चुकी है। क्योंकि इसके तिमाही जीडीपी में दूसरी तिमाही में में भी करीब 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष के पहले तीन महीनों में 0.4 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह लगातार दूसरी तिमाही में बड़ी गिरावट है। इससे यह क्लियर हो गया है कि नीदरलैंड अब आर्थिक मंदी में घिर चुका है।

यूरो जोन की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नीदरलैंड्स यूरो जोन की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानी जाती है। इसकी आर्थिक वृद्धि 2021 और 2022 में करीब 5 प्रतिशत प्रति वर्ष रही थी। कोविड से उबरने के बाद यह वृद्धि काफी अच्छी मानी गई। लेकिन महामारी के बाद पहली बाद मंदी बढ़ती मुद्रास्फीति के तौर पर सामने आई। क्योंकि अचानक उपभोक्ता खर्च बढ़ गया और एक्सपोर्ट में गिरावट दर्ज की गई। इस वजह से नीदरलैंड में खाने पीने की चीजें महंगी होती चली गईं। बिजली सहित दूसरी एनर्जी के दाम में तेजी आ गई।

उपभोक्ता खर्च और एक्सपोर्ट में गिरावट

2023 के पहले तीन महीनों की बात करें तो नीदरलैंड्स में उपभोक्ता खर्च में 1.6 प्रतिशत और निर्यात में 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। नीदरलैंड में मुद्रास्फीति पिछले साल सितंबर में 14.5 प्रतिशत के शिखर पर पहुंच चुकी थी। इसके बाद से कम होनी शुरू हुई। लेकिन इस साल की दूसरी तिमाही में यह अभी भी करीब 6 फीसदी अधिक है।

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