Nobel Prize 2025: जोएल मोकिर, फिलिप अघियन, पीटर हॉविट को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

Published : Oct 13, 2025, 04:51 PM IST
Joel Mokyr Philippe Aghion and Peter Howitt

सार

अर्थशास्त्र में 2025 का नोबेल पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट ने जीता है। तीनों अर्थशास्त्रियों को यह सम्मान इनोवेशन और आर्थिक विकास पर रिसर्च के चलते मिला है। इन्होंने सझाया है कि कैसे इनोवेशन से विकास को गति मिलती है।

Nobel Prize in Economics 2025: अर्थशास्त्र में 2025 का नोबेल मेमोरियल पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को मिला है। इन्हें यह सम्मान इनोवेशन और आर्थिक विकास पर उनके शानदार काम के चलते मिला है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार को इस पुरस्कार की घोषणा की। यह 2025 में नोबेल सत्र का अंतिम पुरस्कार है।

नोबेल समिति के अनुसार, तीनों अर्थशास्त्रियों को “इनोवेशन से आगे बढ़ने वाले आर्थिक विकास की व्याख्या करने के लिए” मान्यता दी गई। पुरस्कार का आधा हिस्सा जोएल मोकिर को “तकनीकी प्रगति के माध्यम से सतत विकास के लिए आवश्यक शर्तों की पहचान करने” के लिए दिया गया। दूसरा आधा हिस्सा फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को “रचनात्मक विनाश के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत” के लिए दिया गया।

कौन हैं जोएल मोकिर?

जोएल मोकिर नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। वह डच-इजराइली-अमेरिकी आर्थिक इतिहासकार हैं। मोकिर ने ऐतिहासिक साक्ष्यों का उपयोग यह समझने के लिए किया कि समाज किस प्रकार स्थिरता से आत्मनिर्भर आर्थिक विकास की ओर बढ़ा। उनके रिसर्च से पता चला कि तकनीकी प्रगति तभी निरंतर होती है जब इनोवेशन को ऐसी संस्कृति का समर्थन प्राप्त हो।

मोकिर की स्टडी ने औद्योगिक क्रांति को उस दौर से जोड़ा जब यूरोप नए विचारों के प्रति अधिक जिज्ञासु और सहिष्णु हो गया था। उन्होंने तर्क दिया है कि इनोवेशन तभी फल-फूल सकता है जब लोग न केवल यह जानें कि चीजों को कैसे काम करना है बल्कि यह भी समझें कि वे क्यों काम करती हैं।

फिलिप अघियन और पीटर हॉविट किया क्या काम?

कॉलेज डी फ्रांस के फिलिप अघियन और ब्राउन यूनिवर्सिटी के पीटर हॉविट को "रचनात्मक विनाश" के सिद्धांत विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया। उनके 1992 के पेपर में एक मॉडल दिया गया था। इसमें दिखाया गया था कि आर्थिक विकास किस प्रकार एक चक्र के माध्यम से होता है जिसमें नए इनोवेशन पुरानी तकनीकों और उत्पादों का स्थान ले लेते हैं।

यह भी पढ़ें- Nobel Peace Prize: डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल ना मिलने पर व्हाइट हाउस को कुछ यूं लगी मिर्ची

यह विचार मूल रूप से अर्थशास्त्री जोसेफ शुम्पीटर से प्रेरित था। इसे अघियन और हॉविट द्वारा गणितीय रूप से औपचारिक रूप दिया गया। उनके काम ने समझाया कि कैसे प्रगति में सृजन और हानि दोनों शामिल हैं। नई कंपनियां और टेक्नोलॉजी उभरती हैं, जबकि पुरानी कंपनियां और टेक्नोलॉजी लुप्त हो जाती हैं।

यह भी पढ़ें- "आप इसके हकदार..." मारिया कोरिना को नोबेल पुरस्कार मिलने पर ट्रंप ने दिया चौंकाने वाला बयान

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

ट्रंप की नई NSS: आखिर भारत क्यों बन गया US की सबसे बड़ी जरूरत? चीन का डर या फिर कोई और गेम!
पुतिन अब तक एक बार भी पाकिस्तान क्यों नहीं गए? पाक एक्सपर्ट ने खुद गिनाई वजह