क्लाउडिया के नाम का ऐलान के साथ यह साल नोबेल पुरस्कार में आधी आबादी के बढ़ते दबदबे को बयां कर रहा।
Nobel Prizes 2023: नोबेल पुरस्कार के इस सत्र में महिलाओं के लिए एक रिकॉर्ड बना है। अमेरिकी अर्थशास्त्री इतिहासकार क्लाउडिया गोल्डिन को सोमवार को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। क्लाउडिया के नाम का ऐलान के साथ यह साल नोबेल पुरस्कार में आधी आबादी के बढ़ते दबदबे को बयां कर रहा।
किन किन महिलाओं को इस बार मिला नोबेल पुरस्कार?
नोबेल प्राइज में इस साल सबसे अधिक महिलाओं ने अपना नाम दर्ज कराया है। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में जहां अमेरिकी क्लाउडिया गोल्डिन के नाम का ऐलान किया गया वहीं महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जेल में बंद ईरानी अधिकार कार्यकर्ता नरगेस मोहम्मदी को नोबेल पीस प्राइज मिला है। स्वीडिश वैज्ञानिक ऐनी एल'हुइलियर ने भी फिजिक्स में तो हंगरी की कैटलिन कारिको ने मेडिसीन के क्षेत्र में नोबेल प्राइज अन्य के साथ साझा किया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि नोबेल प्राइज में आधी आबादी ने लगभग आधा हिस्सा साझा किया है। इस बार नोबेल पुरस्कारों को पाने वालों में 47 प्रतिशत महिलाओं के नाम है।
गोल्डिन पहली महिला जिनको अर्थशास्त्र में पुरस्कार
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल प्राइज पाने वाली क्लाउडिया गोल्डिन पहली महिला हैं जो अपने दम पर यह पुरस्कार जीती हैं। 2023 इसलिए भी खास रहा क्योंकि चार में से तीन महिला पुरस्कार विजेता ऐसे हैं जोकि पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने में सफल रहीं।
किस क्षेत्र में कितनी महिलाओं ने जीते पुरस्कार
नोबेल प्राइज की शुरूआत 1901 से हुई थी। फिजिक्स के क्षेत्र में 225 प्राइज दिए जा चुके हैं जिसमें अभी तक केवल पांच महिलाओं को यह पुरस्कार मिला है। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 93 पुरस्कारों में से तीन महिलाओं को यह मिला है। जबकि चिकित्सा के क्षेत्र में मिले 227 पुरस्कारों में 13 महिलाएं शामिल रहीं।
अभी तक केवल 65 महिलाओं ने जीता नोबेल प्राइज
नोबेल प्राइज में महिला विजेताओं का डेटा देखे तो अभी तक केवल 65 महिलाएं ही इसकी विजेता रही हैं। यानि यह संख्या महज 6.7 प्रतिशत है। हालांकि, 2020 के बाद से महिलाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है।
पहली महिला जिनको मिला नोबेल
मैडम मैरी क्यूरी, नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली महिला विजेता हैं। मैडम क्यूरी को 1903 में यह पुरस्कार मिला था। मैडम क्यूरी एकमात्र ऐसी वैज्ञानिक हैं जिनको दो बार अलग-अलग क्षेत्रों में प्राइज मिले हैं। मैडम क्यूरी को 1903 में फिजिक्स तो 1911 में केमिस्ट्री के क्षेत्र में नोबेल प्राइज मिला था।
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