
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें अमेरिकी साजिश के चलते सत्ता से हटाया गया। अपने आरोप को बल देने के लिए इमरान खान एक पत्र का हवाला देते हैं। यह पत्र अमेरिका में तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत ने भेजा था। इमरान ने आरोप लगाया था कि विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अमेरिकी साजिश का नतीजा है।
इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान यह पत्र राष्ट्रीय सुरक्षा समिति में सेना के आला अधिकारियों को दिखाया था। अब सेना ने इस बात से इनकार कर दिया है कि पत्र देखने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा समिति में साजिश जैसी बात कही गई थी। गुरुवार को पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक (डीजी) मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में 'षड्यंत्र' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
एनएससी में नहीं कही गई षड्यंत्र की बात
बाबर इफ्तिखार जनरल मुख्यालय में हाल ही में आयोजित फॉर्मेशन कमांडरों के सम्मेलन पर एक संवाददाता सम्मेलन के बाद एक पत्रकार के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। पत्रकार ने इमरान खान के उन्हें हटाने के लिए एक विदेशी साजिश के दावे पर सेना नेतृत्व का रुख पूछा था कि क्या एनएससी ने इस तरह के दावे का समर्थन किया था।
बाबर इफ्तिखार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में यह साफ लिखा गया है कि क्या था और क्या नहीं था। आप देख सकते हैं उसमें साजिश शब्द है क्या? मुझे नहीं लगता कि वह शब्द है। इस इनपुट को अगर डीक्लासिफाइ करना है तो सरकार कर सकती है।
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एक्सटेंशन नहीं लेंगे सेना प्रमुख
प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह नेशनल असेंबली के सुरक्षा कमेटी की बैठक बुलाएंगे। अगर यह बैठक बुलाई जाती है तो सेना प्रमुख बैठक में शामिल होकर वही इनपुट फिर से दे देंगे। इस मामले में पिछले इनपुट के समय से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। बाबर इफ्तिखार ने कहा कि सेना प्रमुख न तो एक्सटेंशन चाहते हैं और न वह एक्सटेंशन स्वीकार करने को तैयार हैं। वह 29 नवंबर 2022 को रिटायर होंगे।
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