Published : Jul 30, 2023, 09:40 PM ISTUpdated : Jul 30, 2023, 11:01 PM IST
Pakistan Bajaur Bomb blast: खैबर पख्तूनख्वां प्रांत के बाजौर में भीषण बम विस्फोट से कम से कम 44 लोगों की जान गई है। एक राजनीतिक पार्टी के जलसे के दौरान विस्फोट हुआ। हमले में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता मौलाना जियाउल्लाह जान भी मारे गए हैं।
विस्फोट कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी की एक राजनीतिक जनसभा में हुआ। विस्फोट में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) पार्टी को निशाना बनाया गया है। यह जनसभा अफगानिस्तान सीमा के पास खार शहर में आयोजित थी जिसमें 400 से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे।
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सोशल मीडिया पर विस्फोट के बाद की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। विस्फोट स्थल की तस्वीरों में घटनास्थल के चारों ओर बिखरे हुए शव दिखाई दे रहे हैं।
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वालंटियर्स, खून से लथपथ पीड़ितों को एम्बुलेंस तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।
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खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री रियाज अनवर ने बताया कि अस्पताल में 39 शव हैं। 123 घायल हैं जिनमें 17 मरीज गंभीर हालत में हैं। प्रांतीय गवर्नर हाजी गुलाम अली ने भी मृतकों की संख्या की पुष्टि की।
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इस हमले में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता मौलाना जियाउल्लाह जान भी मारे गए हैं। जनसभा में बतौर मुख्य वक्ता वह मौजूद थे। जमीयत के धार्मिक नेताओं पर पिछले कुछ महीनों से हिंसक हमले हो रहे हैं। पिछले साल ही आईएस ने कहा था कि वह जेयूआई-एफ के धार्मिक विद्वानों के खिलाफ हुए हिंसक हमलों को कराता रहता है। जेयूआई-एफ के पास देश के उत्तर और पश्चिम में मस्जिदों और मदरसों का एक बड़ा नेटवर्क है।
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गवर्नर अली ने एक बयान में यह कहा कि घायल लोगों को स्थानांतरित करने के लिए बाजौर में एक हेलीकॉप्टर भेजकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा।
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खैबर पख्तूनख्वां के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने पुलिस से विस्फोट पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों को इलाज में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
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विस्फोट के बाद क्षेत्र में भारी मात्रा में पुलिस व सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया है। पूरे क्षेत्र में इस विस्फोट के बाद दहशत है।
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इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी अभी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। हालांकि, आईएसआईएस ग्रुप के लोकल चैप्टर ने हाल के दिनों में जेयूआई-एफ के खिलाफ हमले किए हैं। इसलिए माना जा रहा है कि इस हमले में आईएसआईएस का हाथ हो सकता है।
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2021 में अफगान तालिबान के पड़ोसी अफगानिस्तान में सत्ता में वापस आने के बाद से पाकिस्तान में हमलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। पाकिस्तान के घरेलू तालिबान समूह, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने अपने अभियान को पुलिस अधिकारियों सहित सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ चलाने का आह्वान किया है। जनवरी में पाकिस्तान के तालिबान से जुड़े एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर के उत्तर-पश्चिमी शहर में एक पुलिस परिसर के अंदर एक मस्जिद में खुद को उड़ा लिया जिसमें 80 से अधिक अधिकारी मारे गए।