पाकिस्तान में तीसरी बार टिकटाॅक बैनः सेंसर नीति बनाने की उठी मांग

याचिकाकर्ता ने ऐप को आंशिक रूप से बंद करके और सरकार को सेंसर करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का आदेश देकर प्रभावी नीति बनाने का अनुरोध किया है।
 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तीसरी बार वीडियो शेयरिंग एप टिकटाॅक को बैन कर दिया गया है। इसके पहले तीन महीने पहले ही बैन हटा था। अबकी बार सिंध उच्च न्यायालय ने ऐप को निलंबित करने का आदेश दिया है जिसके बाद यहां प्रतिबंध लगा दिया गया।

सोमवार को यह फैसला एक सुनवाई के दौरान आया जहां अदालत ने देश के अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया और उन्हें ऐप को निलंबित करने के आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया।

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इस्लाम के खिलाफ कई वीडियो होने पर याचिका दायर 

याचिकाकर्ता की ओर से उसके वकील ने प्रतिबंध लगााने की मांग करे हुए अदालत को बताया कि पेशावर उच्च न्यायालय ने पहले ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए गए कुछ वीडियो अनैतिक और इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ हैं। बताया कि उनके मुवक्किल ने मामले को अदालत में लाने से पहले पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण से संपर्क किया था लेकिन प्राधिकरण ने कुछ नहीं किया।

8 जुलाई को सभी पक्षों को किया तलब

सभी संबंधित पक्षों को 8 जुलाई को अदालत में तलब किया गया है। उधर, सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई जिसमें टिकटॉक पर बैन लगाने की मांग की गई थी।

यह है आरोप

सिंध प्रांत के रहने वाले अली जेब ने ऐप पर अपराध, नशीली दवाओं के इस्तेमाल और वीडियो में हथियारों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में ऐप की मौजूदगी से छात्रों के लिए खराब माहौल है। याचिकाकर्ता ने बताया कि ऐसे व्यक्ति हैं जो ऐप पर विचार प्राप्त करने के लिए आत्महत्या के प्रयास जैसे विभिन्न प्रयासों को रिकॉर्ड करते हैं। ऐप पर काफी सामग्री पाकिस्तान के इस्लामी कानूनों के खिलाफ है।
याचिकाकर्ता ने ऐप को आंशिक रूप से बंद करके और सरकार को सेंसर करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का आदेश देकर प्रभावी नीति बनाने का अनुरोध किया है।
 

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