
Pakistan bans Indian songs: भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ता ही जा रहा है। भारत ने भी पाकिस्तानी क्षेत्र के आने वाले विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को बैन कर दिया है। पाकिस्तान ने एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय गानों को बैन कर दिया है। सरकार ने इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे एक देशभक्ति पूर्ण पहल बताया है।
पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA) द्वारा शुरू की गई इस मुहिम को इस्लामाबाद सरकार ने राष्ट्रहित में सराहनीय कदम करार दिया है। इसके तहत सभी एफएम रेडियो चैनलों को निर्देश दिया गया है कि वे भारतीय फिल्मों, एलबमों या कलाकारों का कोई भी संगीत या गीत प्रसारित न करें।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह पहल न केवल हमारी सांस्कृतिक संप्रभुता की रक्षा करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि मीडिया जगत राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखता है। हम PBA के इस निर्णय का स्वागत करते हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने भारतीय कंटेंट पर रोक लगाई हो। पहले भी कई बार भारतीय फिल्मों, टीवी शो और संगीत पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं, खासकर जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा हो। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम पाकिस्तानी जनता को सांस्कृतिक रूप से अलग-थलग करने की नीति का हिस्सा हो सकता है, जो भारत के लोकप्रिय मनोरंजन माध्यमों के व्यापक प्रभाव को सीमित करने की कोशिश है।
हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी यूज़र्स और स्वतंत्र पत्रकार इस प्रतिबंध की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सांस्कृतिक खुलेपन के खिलाफ बताते हुए आलोचना कर रहे हैं। कुछ ने इसे राष्ट्रवाद के नाम पर संगीत की सेंसरशिप बताया है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में इस हमले की गंभीरता से समीक्षा की गई। इसमें यह भी बताया गया कि हमले की जड़ें सीमा पार (Cross-border Linkages) से जुड़ी हुई हैं।
सरकार ने हमले के बाद कई अहम कदम उठाए हैं, जिनमें सबसे बड़ा फैसला इंडस वाटर ट्रीटी (Indus Water Treaty) को स्थगित करना शामिल है। यह पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की रणनीति का हिस्सा है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।