
इस्लामाबाद: आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने ईद के जश्न के दौरान पेशावर और अन्य जगहों पर लोगों से जिहाद के लिए फंड मांगा। यूरोपीय टाइम्स ने बताया इस तरह खुले आम फंड मांगकर पाकिस्तान ने ग्लोबल एंटी टेर्रिस्ट फाइनेंसिंग (global anti-terrorist financing) मॉनिटरिंग संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force ) द्वारा दी गई रेडलाइन का उल्लंघन किया।
स्थानीय लोगों का दावा है कि पिछले महीने जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य फिलिस्तीन और कश्मीर में जिहाद के लिए पेशावर के बाग-ए-नारन में लोगों से फंड मांग रहे थे। इस बीच कई पाकिस्तानी ट्विटर यूजर्स ने नोट किया है कि चरमपंथी समूह अन्य क्षेत्रों से भी धन जुटाने का प्रयास कर रहा था।
यूरोपियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादी समूह कराची की मस्जिदों में खुले तौर पर जिहाद के लिए धन की मांग कर रहे थे। जैश-ए-मोहम्मद द्वारा ईद के मौके पर जिहाद के लिए चंदा जुटाना स्पष्ट रूप से साबित करता है कि पाकिस्तान आतंकवादी फंडिंग को कम करने के लिए FATF से किए गए अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रहा है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से नहीं किया बाहर
बता दें कि जून 2021 में एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश और इसी तरह के आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट से बाहर करने से मना कर दिया था। उस समय एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान को सौंपे गए 27 कार्यों में से 26 को पूरा करने के बावजूद, आतंकवादियों और आतंकी संस्थाओं को दोषी ठहराने के अंतिम कार्य को पूरा करने में पाकिस्तान की नाकाम रहना का मतलब है कि उसे अभी ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं किया जा सकता।
बैन के बावजूद धन जुटाते रहे आतंकी
यूरोपियन टाइम्स के अनुसार, पिछले साल आतंकी संगठन ने बहावलपुर में अपने मुख्यालय में निर्माण करवाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी समूह अक्सर ईद के दौरान धन जुटाते थे। हालांकि , जब इन आतंकवादी धन उगाहने वाली घटनाओं पर अधिक ध्यान दिया गया, तो पाकिस्तान ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया, लेकिन उनकी गतिविधि जारी रहीं।
यह भी पढ़ें- रूस का बड़ा दावा, यूक्रेन ने की पुतिन को जान से मारने की कोशिश, ड्रोन से किया हमला
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।