Maldives-Pakistan:भारत के एक्शन के बाद दुनिया से भीख मांगने वाला पाक देगा मालदीव का साथ! काकर ने मुइज्‍जू को आर्थिक मदद करने का दिया आश्वासन

कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने मालदीव को मदद करने का आश्वासन दिया है। पाकिस्तान ने ये फैसला तब लिया, जब भारत ने अंतरिम बजट में मालदीव को दी जाने वाली वित्तीय मदद में 22 फीसदी की कटौती करने का प्रस्ताव दिया है।

sourav kumar | Published : Feb 2, 2024 7:06 AM IST / Updated: Feb 02 2024, 12:44 PM IST

Pakistan-Maldives Relationship: भारत में कल यानी गुरुवार (1 फरवरी) को अंतरिम बजट पेश किया गया। इस बजट की सबसे खास बात ये रही कि भारत ने मालदीव को झटका देते हुए 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए मालदीव को सहायता में 22 फीसदी की कटौती का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद खुद कंगली से जूझ रहे पाकिस्तान ने गुरुवार को मालदीव को अति आवश्यक विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने समर्थन का आश्वासन दिया।

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक  नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल हक काकर और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने फोन पर बातचीत की। इस दौरान पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल हक काकर ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

मालदीव और पाकिस्तान के संबंध पुराने

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि मुइज्जू को मालदीव की तत्काल विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तानी सरकार के समर्थन का भी आश्वासन दिया गया है। इस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों की शीर्ष प्राथमिकताओं पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बात की। पाकिस्तान के केयरटेकर पीएम दोनों नेताओं ने दोनों देशों की शीर्ष प्राथमिकताओं पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बात की। आपको बता दें कि मालदीव ने 26 जुलाई, 1966 को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। इस वजह से पाकिस्तान जहां चीन का करीबी सहयोगी है, वहीं राष्ट्रपति मुइज्जू को बीजिंग समर्थक भी माना जाता है।

भारत और मालदीव के रिश्ते

भारत और मालदीव के बीच रिश्ते बीते कुछ वक्त से तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है। इसके पीछे कई सारी वजह से सबसे पहले मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का चीन की ओर झुकाव, जिसकी वजह से उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन में इंडिया आउट कैंपेन की शुरुआत की और चुनाव जीत गए। इसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्ट पर मालदीव के मंत्रियों के विवादास्पद बयान, जिसे दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए। इसी का फायदा उठाकर चीन भी मालदीव में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है और अब पाकिस्तान ने भी अपनी तरफ से चाल चल दी है।

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