
काबुल। इस्लाम-इस्लाम अलापने वाला पाकिस्तान, अपने धर्म के लोगों को भी शरण देने से कतरा रहा है। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत होने के बाद दूसरे देशों में शरण लेने के लिए भाग रहे लोगों के लिए पाकिस्तान ने दरवाजे बंद कर लिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से मानवीय आधार पर अफगानियों की मदद की अपील की थी। लेकिन पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ा है। तालिबान के अत्याचार से भागकर पाकिस्तान के चमन सीमा पर हजारों अफगान पहुंचे हैं लेकिन उसने सीमा को सील कर दिया है। हजारों की संख्या में अफगानी शरणार्थी फंसे हुए हैं। गुरुवार को पाकिस्तान की इस हरकत की वजह से भगदड़ मच गई और कईयों के हताहत होने की भी सूचना है।
दूसरे सबसे बड़ा कमर्शियल प्वाइंट हैं यह बार्डर
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह दूसरा सबसे बड़ा कॉमर्शल बॉर्डर पॉइंट है। यह बॉर्डर क्रॉसिंग अफगानिस्तान में कांधार प्रांत के स्पिन बोल्डक को पाकिस्तान के सीमांत कस्बे चमन से जोड़ता है। सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने चमन बार्डर पर हजारों अफगानी नागरिकों के आने की कोशिशों के वीडियो हैं।
लोग भाग रहे अफगानिस्तान छोड़
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बहुत से लोग जान बचाने और क्रूरता से बचने के लिए हर हाल में देश छोड़ देना चाहते हैं। एक यूजर ने ट्विटर पर वीडियो के साथ लिखा, 'एक राष्ट्र की दयनीय तस्वीर: कांधार के स्पिन बोल्डक से गुजरने वाले पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा को बंद कर दिया गया है। भीड़ में 4 लोगों की मौत हो गई। हजारों महिलाएं और बच्चे सीमा के पास सो रहे हैं।'
चमन बार्डर बंद करने की बात कही थी गृहमंत्री ने
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार हजारों अफगान पाकिस्तान में घुसने के लिए क्रॉसिंग के आसपास जमा हो रहे हैं। पाकिस्तान पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह और अधिक शरणार्थियों को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। साल 1979 में अफगानिस्तान पर तत्कालीन यूएसएसआर के आक्रमण के बाद से लगभग 30 लाख अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में रह रहे हैं।
उधर, एक दिन पहले ही पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा था कि सुरक्षा खतरों के कारण चमन क्रॉसिंग को कुछ दिनों के लिए बंद किया जा सकता है।
पाकिस्तान का कहना है कि अगर छूट दी गई तो दस लाख शरणार्थी उसकी सीमा में आ जाएंगे।
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