
Pakistan show faith in China friendship: चीन के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका का आमंत्रण भी अस्वीकार कर दिया है। एशिया में सबसे करीबी दोस्त चीन के पक्ष में पाकिस्तान ने एकजुटता दिखाते हुए अमेरिका में हो रहे लोकतंत्र शिखर सम्मेलन को छोड़ दिया है। लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने वाले इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका ने चीन को नहीं बुलाया था। शिखर सम्मेलन मंगलवार को वाशिंगटन में शुरू हुआ। सभी देश वर्चुअल जुड़ रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय और यूएसएआईडी ने आयोजित किया शिखर सम्मेलन
यह वर्चुअल शिखर सम्मेलन अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आयोजित किया था और इसका सह-प्रायोजक यूएसएआईडी है। शिखर सम्मेलन की थीम, ग्लोबल डिक्लेयरेशन ऑफ मेयर्स फॉर डेमोक्रेसी, है। वर्चुअल शिखर सम्मेलन में चीन और तुर्की को आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि, चीन का साथ देते हुए पाकिस्तान ने भी शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद ने इस कार्यक्रम को छोड़ना चुना क्योंकि वह अपने सदाबहार सहयोगी चीन के साथ एकजुट दिख सके। विदेश कार्यालय ने लोकतंत्र के लिए दूसरे शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित करने के लिए अमेरिका को धन्यवाद दिया।
क्या कहा पाकिस्तान ने शिखर सम्मेलन से इनकार के बाद?
पाकिस्तान सरकार की ओर से बयान जारी किया गया कि हम अमेरिका के साथ अपनी मित्रता को महत्व देते हैं। बिडेन एडमिनिस्ट्रेशन के तहत दोनों देशों के बीच संबध काफी व्यापक और विस्तारित हुआ है। हम क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए इस रिश्ते को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आईएमएफ से लोन के बिना पाकिस्तान की स्थिति और होगी खराब
कंगाल पाकिस्तान को वाशिंगटन स्थित आईएमएफ से 1.1 बिलियन अमरीकी डालर की धनराशि का इंतजार है। यह धन पिछले साल नवम्बर में ही मिलने वाली थी। दरअसल, 2019 में आईएफएफ ने पाकिस्तान को 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बेलआउट पैकेज स्वीकृत किया था। यह इन्स्टालमेंट इसी पैकेज का हिस्सा है। पाकिस्तान वर्तमान में अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए छटपटा रहा है। उसे इस महीने की शुरुआत में चीन से 500 मिलियन अमरीकी डालर प्राप्त हुए हैं।
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