पाकिस्तान हुआ कंगाल, पीएम आवास को किराया पर देकर चलेगा खर्च

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों में पूरी तरह चरमरा गई है। बाजार में पूंजी निवेश ना होने की वजह से महंगाई बढ़ रही है। आर्थिक हालत इस कदर चरमरा गई है कि सरकार को कर्मचारियों को कर्ज लेकर वेतन देना पड़ रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 3, 2021 5:01 PM IST

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का सरकारी आवास अब किराया (rent) पर दिया जाएगा। पीएम इमरान खान ने इसका ऐलान किया है। अब यहां विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित हो सकते हैं। 

पीएम बनने के बाद इसमें यूनिवर्सिटी खोलने की बात कही

अगस्त 2019 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने अपने आवास का इस्तेमाल तालीम के लिए करने का फैसला किया था। सत्तारुढ़ दल ने पीएम के सरकारी आवास को यूनिवर्सिटी में बदलने पर मुहर लगा दी थी। निर्णय के बाद पीएम इमरान खान ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। 
लेकिन करीब एक साल तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। अब सरकार ने यूनिवर्सिटी बनाने की योजना को टाल दी है।

अब दिया जाएगा किराया पर पीएम आवास

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस योजना को टालने के बाद अब पीएम आवास को किराये पर देने का फैसला किया गया है। सरकार अब पीएम आवास का इस्तेमाल कल्चरल, फैशन, एजुकेशनल और अन्य इवेंट्स के लिए करेगी। इन इवेंट्स के लिए किराया पर दिया जाएगा और इसके एवज में किराया लिया जाएगा। इस्लामाबाद में पीएम इमरान खान का सरकारी आवास, रेड जोन में आता है। 

दो कमेटियां करेंगी किराया की निगरानी

पीएम आवास (Prime minister's House)को किराये पर देने और इसकी निगरानी करने के लिए दो कमेटी भी बनाई गई है। कमेटी आवास के अंदर होने वाले कार्यक्रमों के दौरान अनुशासन बनाए रखने और पीएम हाउस से संबंधित डेकोरम को मेन्टेन रखने पर नजर रखेगी। 

गेस्ट विंग्स और लॉन भी दिया जाएगा किराया पर

पीएम हाउस के दो गेस्ट विंग्स और लॉन भी जल्द किराया पर दिया जाएगा। यह सब पैसे जुटाने के लिए किया जा रहा है। पीएम आवास में अब हाई-लेवल डिप्लेमैटिक कार्यक्रम के अलावा अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भी कराए जा सकेंगे। 

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan economy) पिछले कुछ सालों में पूरी तरह चरमरा गई है। बाजार में पूंजी निवेश ना होने की वजह से महंगाई बढ़ रही है। आर्थिक हालत इस कदर चरमरा गई है कि सरकार को कर्मचारियों को कर्ज लेकर वेतन देना पड़ रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में व्यापारिक घाटा बढ़ गया है, क्योंकि निर्यात में कमी और आयात में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है।

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