पाकिस्तान में महंगाई से हाहाकार: बिल दिखा महिला बोली बच्चों को खाना खिलाऊं या मार दूं, PM को दिलाई कब्र की याद

पाकिस्तान के आम लोग महंगाई की मार से बेहाल हैं। कराची में रहने वाली एक महिला ने वीडियो शेयर कर अपनी परेशानी बताई है। उसने कहा है कि बच्चों को खाना खिलाऊं या मार दूं। उसने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को कब्र की याद दिलाई है।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2022 6:35 AM IST / Updated: Aug 11 2022, 12:33 PM IST

इस्लामाबाद। कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान आर्थिक संकट (Pakistan economic crisis) का सामना कर रहा है। महंगाई इतनी अधिक हो गई है कि पाकिस्तान की हालत श्रीलंका जैसी होने की बात कही जा रही है। पाकिस्तान के आम लोग महंगाई की मार से बेहाल हैं। लोगों के लिए दो वक्त खाना खाना और अपने बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो गया है। 

पाकिस्तान की एक महिला ने वीडियो शेयर कर महंगाई से हो रही परेशानी बयान किया है। उसने कहा है कि मैं अपने बच्चों को खाना खिलाऊं या मार दूं। पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने कराची की रहने वाली महिला का वीडियो ट्वीटर पर शेयर किया है। वीडियो में महिला एक बिल दिखाकर अपनी परेशानी बता रही है। 

 

 

 

क्या बच्चों को भूखा मार दूं?
वीडियो में महिला कहती है, "मेरा नाम राब्या है। मैं कराची से हूं। मैं हाउस वाइफ हूं और मेरे दो बच्चे हैं। मेरे बच्चे को एपिलेप्सी की परेशानी है। मैं एक किराये के घर में रहती हूं, जिसका किराया 20 हजार रुपए है। इस वक्त मैं राशन का सामान लेकर आई हूं। इसमें आटा, चीनी, घी और दालें नहीं हैं। यह बिल मैं दिखा रही हूं। आपलोग देखें, इस मां ने कोई फिजूलखर्जी नहीं की है। इसमें आटा, चीनी, घी कुछ नहीं है। बच्चों को क्या भूखा मार दूं?"

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महिला ने कहा, "कराची के इस इलाके में बिजली नहीं आती। इसके बाद भी मेरे बिजली का खर्च 556 यूनिट है। इसका बिल 15560 रुपए आया है। बताओ कहां से पे करूं। रेंट पे करूं, राशन खरीदूं, बिजली का बिल दूं या टैक्स पे करूं कि तुमलोगों की जेबें भर जाएं। मेरे बच्चों की दवाएं इन चार महीनों में बहुत अधिक महंगी हो गईं है। क्या दवाएं भी बच्चों को देना छोड़ दूं। मैं मरियम नवाज (PML-N की नेता) और शहबाज शरीफ ( प्रधानमंत्री) से पूछती हूं कि क्या तुमलोगों को खुदा का खौफ नहीं है? खत्म हो गया है खुदा का खौफ? मिट्टी में मिलना नहीं है? भूल चुके हो कि तुमलोगों को कब्रों में भी जाना है। क्या मासूम लोगों के आंसुओं का हिसाब तुमलोगों से कब्र में पूछा नहीं जाएगा? तुमलोगों ने एक गरीब को मार दिया है। 

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