पाकिस्तान के विदेशमंत्री इशाक डार ने ट्वीट करते हुए कहा है कि UAE देश को एक अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देगा.
इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को राहत मिली है। दरअसल, यूएई ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कहा है कि वह पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर देगा। इस बात की जानकारी पाकिस्तान के विदेशमंत्री इशाक डार ने ट्वीट के जरिए दी है. डार ने आज अपने एक ट्वीट में कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने पाकिस्तान को आईएमएफ से एक अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय समर्थन की पुष्टि की है। डार ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देना का वादा किया है।
उन्होंने आगे कहा कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों से राशि जमा करवाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को तैयार करने में लगा हुआ है। इस फंड के साथ लंबे समय से अटके स्टाफ लेवल एग्रीमेंट (SLA) को अनलॉक करने की उम्मीद है। इससे पहले आईएमएफ ने शर्त रखी थी कि पाकिस्तान अपने दोस्त देशों सऊदी अरब और यूएई से 3 अरब डॉलर लोन की गारंटी लेकर आए तभी उसे वैश्विक संस्था के लोन की अगली किश्त मिलेगी।
कई देशों ने किया मदद का वादा
पिछले महीने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि ऋणदाता बेलआउट फंड जारी करने से पहले मित्र देशों से एक्स्ट्रानल फाइनेंस प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहता था। ऐसे में सऊदी अरब,चीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने पाकिस्तान को फंड देने में मदद करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
चीन ने की थी मदद
इसके बाद राज्य वित्त मंत्री ने कहा था कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को फंड दिलाने का वादा किया है। उस समय आईएमएफ को सऊदी अरब ने सूचना दी थी कि वह पाकिस्तान को दोअरब डॉलर देने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि पाकिस्तान अब तक डिफॉल्ट हो गया होता लेकिन चीन ने ऐन वक्त पर उसकी मदद कर दी। चीन ने पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कर्ज दे रखा है।
कार्यक्रम पूरा करने उम्मीद
इस बीच आईएमएफ ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वह पाकिस्तान के साथ अपने मौजूदा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लेगा। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को वाशिंगटन में एक समाचार ब्रीफिंग में कहा,'मुझे उम्मीद है कि सभी की सद्भावना के साथ, पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा पहले से तय की गई सहमति के आधार पर हम अपने वर्तमान कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे।'
पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ कर रही IMF
जॉर्जीवा ने आगे कहा कि हम अपने वर्तमान कार्यक्रम को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि क्या पाकिस्तान के पास कर्ज लौटाने का कोई नीतिगत ढांचा है? उन्होंने कहा कि आईएमएफ-पाकिस्तान वार्ता का उद्देश्य उस बिंदु पर पहुंचने से बचना था जहां देश का कर्ज अस्थिर हो सकता है। हम अभी तक वहां नहीं हैं और वहां नहीं जाना बेहतर है।
डिफॉल्ट से बचने पाकिस्तन को चाहिए लोन
इससे पहले आईएमएफ के साथ बैठक में पाकिस्तान ने गुहार लगाई थी कि वह उसके प्रति कुछ नरमी दिखाए और स्टाफ लेवल के समझौते पर हस्ताक्षर करे। हालांकि अभी तक आईएमएफ लोन देने की समय सीमा नहीं बताई है। वहीं पाकिस्तान का विदेशी मुद्राभंडार लगातार कम होता जा रहा है और देश में आर्थिक हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान को अगर डिफॉल्ट होने से बचना है तो उसे जून महीने तक इस धनराशि को हासिल करना ही होगा।