
Pakistan Jaish Mohammed Using Digital Wallets: पाकिस्तान का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर है, ने डिजिटल वॉलेट्स ईजीपैसा और सदापे के जरिए करीब 3.91 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाए हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह पैसा पाकिस्तान में 313 नए आतंकी ट्रेनिंग कैंप बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे डिजिटल हवाला का नाम दिया गया है।
जांच में यह भी पता चला है कि इन वॉलेट्स में से कई अजहर के परिवार के लोगों से जुड़े हैं और इन्हें आतंकी फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे कैंपेन में लोगों से पैसे दान करने की अपील की जाती है, ताकि जैश-ए-मोहम्मद फिर से अपनी गतिविधियां शुरू कर सके।
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यह वही तरीका है, जिस पर FATF ने जुलाई की रिपोर्ट में चेतावनी दी थी। भारत के वित्त मंत्रालय ने भी कहा था कि आतंकी अब ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स का ज्यादा गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने 2019 में अपने नेशनल एक्शन प्लान के तहत दावा किया था कि जैश-ए-मोहम्मद की फंडिंग लाइनों को बंद कर दिया गया है। मसूद अजहर और उसके भाइयों रऊफ असगर और तल्हा अल सैफ के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए थे, नकद लेन-देन और चंदा इकट्ठा करना रोक दिया गया था। इसी वजह से पाकिस्तान को 2022 में FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने में मदद मिली थी। लेकिन जब नेटवर्क पर निगरानी बढ़ी, तो जैश-ए-मोहम्मद ने तुरंत डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया।
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