Pakistan Navy: अगस्त 2024 में बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार गिरी। इसके बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान करीब आए हैं। दावा तो किया जा रहा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सैन्य सहयोग बढ़ है, लेकिन पाकिस्तान अपनी धोखा देने और वादा न निभाने की फितरत बदलने को तैयार नहीं।
पाकिस्तानी नौसेना के युद्धपोत पीएनएस असलात के मामले में ऐसा ही लग रहा है। PNS Aslat 3 हजार टन का गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। यह करीब एक दशक पहले सेवा में आया है। पाकिस्तान ने बांग्लादेश से वादा किया था कि उनकी नई दोस्ती के हिस्से के रूप में असलात बांग्लादेश के बंदरगाह पर जाएगा। वह मार्च 2025 में बांग्लादेश के चटगांव पहुंचेगा। यह तब हुआ जब बांग्लादेशी नौसेना के किसी फ्रिगेट ने एक दशक से भी ज्यादा समय में पहली बार पाकिस्तानी नौसेना के अभ्यास में हिस्सा लिया था।
असलात की बांग्लादेश यात्रा महत्वपूर्ण होनी थी। करीब 20 साल बाद कोई पाकिस्तानी युद्धपोत यहां आने वाला था, लेकिन असलात कभी बांग्लादेश नहीं पहुंचा। असलात इंडोनेशिया गया था। उसे वापस कराची लौटते समय चटगांव जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका कोई स्पष्टीकरण भी नहीं है। जहाज को किसी तकनीकी समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ा।
इंडोनेशिया जाते समय असलात कोलंबो गया था। वह यहां तीन दिन रुका और 4 फरवरी को आगे बढ़ा। वापसी में यह चटगांव के बजाय श्रीलंका चला गया। वह 5 मार्च को एक दिन के लिए वहां पहुंचा। इसके बाद यह मालदीव के माले गया, फिर वापस पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। यह युद्धपोत कई बंदरगाहों पर रुका, लेकिन बांग्लादेश नहीं गया।
असलात का बांग्लादेश नहीं जाना निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के इच्छुक बांग्लादेश के कट्टरपंथी वर्ग को निराश करेगी। इस वक्त बांग्लादेश की सत्ता कट्टरपंथी वर्ग के हाथों में है। इन्होंने 1971 की बातें भूला दी हैं जब पाकिस्तानी सेना ने लाखों बांग्लादेशियों को मार डाला था।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बीच बैंकॉक में मुलाकात हुई है। इस दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठा। इसके बावजूद बांग्लादेश में भारत विरोधी चिंताजनक संकेत सामने आए हैं।