तुर्की के राष्ट्रपति से मिले शहबाज शरीफ, भारत के खिलाफ साथ देने के लिए कही ये बात

Published : May 26, 2025, 10:53 AM ISTUpdated : May 26, 2025, 11:01 AM IST
Shehbaz Sharif with Tayyip Erdogan

सार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन से मुलाकात की और भारत-पाकिस्तान गतिरोध में तुर्की के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

Shehbaz Sharif in Turkey: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्की की यात्रा पर हैं। इस्तांबुल में उनकी मुलाकात तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन (Recep Tayyip Erdogan) से हुई है। यह मुलाकात पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के बाद हुई है। इस दौरान तुर्की ने पूरी तरह पाकिस्तान का साथ दिया। पाकिस्तान ने तुर्की से मिले ड्रोन का इस्तेमाल भारत पर हमले के लिए किया।

शहबाज ने भारत के खिलाफ समर्थन देने के लिए एर्दोगन को धन्यवाद दिया। शहबाज ने X पर पोस्ट किया, "आज शाम इस्तांबुल में अपने प्रिय भाई राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन से मिलने का सम्मान मिला। हाल ही में पाकिस्तान-भारत गतिरोध में पाकिस्तान को उनके दृढ़ समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।"

 

 

शहबाज शरीफ ने कहा- पाकिस्तान-तुर्की दोस्ती अमर रहे

शहबाज ने कहा, "हमने विशेष रूप से व्यापार और निवेश में द्विपक्षीय संबंधों की चल रही प्रगति की भी समीक्षा की। भाईचारे और सहयोग के इन अटूट बंधनों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। पाकिस्तान और तुर्की की दोस्ती अमर रहे।"

तुर्की के राष्ट्रपति के ऑफिस ने बयान जारी कर बताया है कि बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना था। ऊर्जा, व्यापार, परिवहन और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई है।

शरीफ से मुलाकात के दौरान एर्दोआन ने खुफिया जानकारी शेयर करने और आतंकवाद विरोधी जैसे क्षेत्रों में तुर्की और पाकिस्तान के बीच गहन सहयोग के महत्व पर जोर दिया। कहा कि दोनों देशों को क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए।

यह बैठक तुर्की और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई। तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया है। इसके चलते उसके भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान ने लड़ाई के दौरान तुर्की में बने ड्रोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि, तुर्की के अधिकारियों ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को कोई हथियार नहीं भेजा गया था।

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