पाकिस्तान में सियासी उठापटक हिंसक प्रदर्शनों में बदल गई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान(Former Prime Minister Imran Khan) के आजादी मार्च के चलते इस्लामाबाद को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा को देखते हुए सेना की तैनाती का निर्देश दिया है।
वर्ल्ड न्यूज. पाकिस्तान में सियासी उठापटक हिंसक प्रदर्शनों में बदल गई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान(Former Prime Minister Imran Khan) के आजादी मार्च के चलते इस्लामाबाद को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा को देखते हुए सेना की तैनाती का निर्देश दिया है। इस बीच देर रात लाखों समर्थकों के साथ इमरान खान इस्लामाबाद के करीब डी-चौक पहुंचे। वे यहां धरना देंगे। बता दें कि इमरान ने पिछले महीने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनाए गए थे। पढ़िए कैसे पाकिस्तान में राजनीति दांवपेंच हिंसा में बदले...
इस्लामाबाद में सेना बुलाई गई
जैसे ही पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और उनके काफिले ने संघीय राजधानी में प्रवेश किया और शहर के डी-चौक की ओर बढ़ना शुरू किया, इस्लामाबाद में स्थिति अराजक हो गई। सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने और स्थित सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा के लिए सेना की मदद लेने का फैसला किया। और इसे अति संवेदनशील यानी रेड जोन में बदल दिया। सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना बुलाई गई है। इससे पहले इस्लामाबाद में पीटीआई के प्रदर्शनकारियों ने संघीय राजधानी के ब्लू एरिया में वाहनों और पेड़ों में आग लगा दी थी। पुलिस ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा कि जब फायर बिग्रेड ने आग पर काबू पाया, तो प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर एक्सप्रेस चौरंगी में आग लगा दी।
रेड जोन में घुसने पर सेना करेगी सख्ती
इस्लामाबाद पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार, पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया क्योंकि वे संघीय राजधानी में कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के साथ भिड़ गए और कई रेंजरों, पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी कर्मियों को घायल कर दिया। इस्लामाबाद पुलिस ने एक ट्वीट करके कहा कि "रेड जोन में प्रवेश बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से अनुरोध है कि वे अदालत के आदेशों का पालन करें और रेड जोन में न घुसें। हालांकि बाद में इस्लामाबाद पुलिस के महानिरीक्षक डॉ अकबर नासिर खान ने एक बयान जारी किया और कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अनावश्यक बल(unnecessary force) का प्रयोग नहीं करने का आदेश दिया गया था।
जब तक चुनाव का ऐलान नहीं डी-चौक नहीं छोड़ेंगे इमरान खान
इस बीच इमरान खान का काफिला संघीय राजधानी के रास्ते में हसन अब्दाल में रुका। वहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे ही पुलिस उन्हें डी-चौक पर पहुंचेगी, यह भी महसूस होगा कि "हम यहां जिहाद के लिए हैं, राजनीति के लिए नहीं।" इमरान खान ने ऐलान किया, "हम तब तक डी-चौक नहीं छोड़ेंगे, जब तक सरकार जून में चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं कर देती।"
इस बीच, पहले से ही डी-चौक पहुंच चुके प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ते रहे। नतीजतन, एलईए ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। गोलाबारी बंद होते ही पीटीआई कार्यकर्ता एक बार फिर चौराहे पर जुटने लगे। यह देख पुलिस ने उन्हें एक बार फिर तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने ट्विटर पर राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था की निंदा की। फजलुर रहमान ने कहा कि शीर्ष अदालत को सुप्रीम कोर्ट में की गई प्रतिबद्धता का उल्लंघन करने के लिए पीटीआई नेतृत्व के खिलाफ अदालती कार्यवाही की अवमानना शुरू करनी चाहिए। पीएमएल-एन नेता अयाज सादिक ने कहा कि इमरान खान ने SC के आदेश का उल्लंघन किया है और कार्यकर्ताओं को यहां आने के बजाय डी-चौक पहुंचने के लिए कहा है।
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