
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन 'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' (TLP) के हिंसक प्रदर्शन(violent protest) के चलते इमरान खान की सरकार पर राजनीति संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 29 अक्टूबर को राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी(President Dr Arif Alvi) ने मुल्क में जारी तनाव के बीच उलेमाओं से मदद मांगी है। आंदोलन के चलते पंजाब प्रांत के कई शहरों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो चुका है।
राष्ट्रपति ने दी इस्लाम की छवि खराब होन की दुहाई
राष्ट्रपति ने ऐवान-ए-सद्र में धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री नूर-उल-हक-कादरी के नेतृत्व में देशभर के विभिन्न जिलों के अहले-ए-सुन्नत वल जमात के उलेमा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को परामर्श बैठक की। इसमें मुल्क की सुरक्षा और संप्रभुता को देखते हुए प्रतिबंधित संगठन को किसी भी तरह से अपने रिट को चुनौती देने की अनुमति नहीं देने का संकल्प लिया गया। धर्मगुरुओं से बात करते हुए, राष्ट्रपति अल्वी ने कहा कि उलेमा ने हमेशा कठिन समय में राज्य के साथ खड़े होने के अलावा लोगों को नैतिक और धार्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैठक में मौजूदा स्थिति से शांतिपूर्ण तरीके से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया और बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने पर जोर दिया गया।
इस्लाम शांति का धर्म
राष्ट्रपति ने कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है। यह एक-दूसरे के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने पर भी जोर देता है। इस्लाम हिंसा को हतोत्साहित करता है। बैठक में उलेमा ने हिंसा से आम जनता के जान-माल को नुकसान पहुंचाने की खबरों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंसा से देश की छवि के साथ-साथ इस्लाम धर्म पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। बैठक में संबंधित संघीय कैबिनेट सदस्यों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अध्यक्ष संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी, तीनों सेना प्रमुखों, आईएसआई, आईबी और एफआईए के डीजी, और वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
दवाब की राजनीति नहीं चलेगी
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि किसी भी समूह या संस्था को सार्वजनिक व्यवधान पैदा करने या सरकार पर दबाव बनाने के लिए हिंसा का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इमरान खान ने कहा कि सरकार सभी पाकिस्तानियों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को मान्यता देती है। अगर हिंसा होती है, तो यह सहन नहीं किया जाएगा।
TLP नेताक की रिहाई की मांग
पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को हटाने की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन कर रहे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान(TLP) को लेकर इमरान खान सरकार टेंशन में आ गई है। सरकार के एक मंत्री ने इसे एक साजिश करार दिया है। बता दें कि TLP नेता साद रिजवी इस साल अप्रैल से हिरासत में हैं। आंदोलनकारी साद की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 16 अक्टूबर 2020 को फ्रांस में एक युवक ने सैम्युअल पैटी नाम के टीचर की गर्दन काट दी थी। पैटी पर पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छात्रों को दिखाने का आरोप लगा था। पैटी की हत्या की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने निंदा की थी। इसक बाद से TLP प्रदर्शन कर रही है।
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