
Pakistan Balochistan Mine Project: पाकिस्तान अमेरिका के आगे क्यों इतना मजबूर हो रहा है, उसकी सबसे बड़ी वजह सामने आ गई है। पाकिस्तान ने अपनी हरकत दिखाते हुए बलूचिस्तान में रेको डिक खदान को लेकर किए जा रहे विकास के चलते अपने प्रिय अमेरिका से 10 करोड़ डॉलर का कर्ज मांगा है। अमेरिका के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट (एक्जिम) बैंक से पाकिस्तान ने कर्ज को लेकर गुहार लगाई है। पाकिस्तान बलूचिस्तान के खदान में परिवहन, एक प्रोसेसिंग प्लांट, बिजली उत्पादन और स्टोरेज की सुविधा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना चाहता है। पैसे ही नहीं पाकिस्तान ने तो अमेरिका से इंजीनियरिंग, निर्माण प्रबंधन सेवाएं, फीडर और बाकी उपकरणों की भी सहायता मांगी है।
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इन सबके बीच अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री इवान ए फेगनबाम पाकिस्तान की इस मांग का मजाक उड़ाते हुए नजर आए हैं। उन्होंने इसके लिए चीन का उदाहरण दे डाला है। उन्होंने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में चीन ने जितना पैसों का नुकसान किया है। अब उस रास्ते पर चलते हुए अमेरिका भी पैसा बर्बाद करने में जुट गया है। पाकिस्तान के अमेरिका से कच्चा तेल खरीदने के फैसले से दोनों देशों के रिश्ते में मजबूती आई है। इसके बारे में बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया था कि इस समझौते के तहत अमेरिका से कच्चे तेल की पहली खेप इस साल के अंत तक पाकिस्तान पहुंच जाएगी।
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इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा था कि अमेरिका से पाकिस्तान को कच्चा तेल देने से उसे तेल का भंडार बढ़ाने में मदद मिलेगी। आने वाले समय में भारत को पाकिस्तान से तेल खरीदना पड़ सकता है। वैसे एक बात पर अमेरिका को ध्यान देने की जरूरत है कि पाकिस्तान में कच्चे तेल का भंडार केवल 23.4 करोड़ से 35.3 करोड़ बैरल है, जबकि भारत के पास अभी 4.8 अरब से 5 अरब बैरल कच्चा तेल है। तेल भंडार की वैश्विक रैंकिंग में पाकिस्तान जहां 50 से 55वें स्थान के बीच है, जबकि भारत 20वें स्थान के करीब है।
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