पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए गंभीर हुआ सुप्रीम कोर्ट, एक महीने में सरकार से मांगी रिपोर्ट

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करने को लेकर संघीय और प्रांतीय सरकारों से एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है। शीर्ष अदालत ने 2014 में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक फैसला दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2019 11:11 AM IST / Updated: Oct 04 2019, 04:43 PM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करने को लेकर संघीय और प्रांतीय सरकारों से एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है। शीर्ष अदालत ने 2014 में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक फैसला दिया था। इस फैसले में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर रूपरेखा तैयार करने का सुझाव दिया गया था। न्यायालय ने अपने इस फैसले को लागू किए जाने को लेकर संघीय और प्रांतीय सरकारों से एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

पाकिस्तान की 22 करोड़ जनसंख्या में एक करोड़ गैर-मुस्लिम 

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- उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई फिर से शुरू की थी और इस संबंध में रिपोर्ट मांगी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार अदालत ने 2014 के अपने ऐतिहासिक फैसले में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर रूपरेखा बनाने का सुझाव दिया था। इस निर्णय में की गई सिफारिशों में अल्पसंख्यकों के मामलों को देखने के लिए एक राष्ट्रीय परिषद के गठन का भी प्रस्ताव था।

- सुनवाई के दौरान सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद एवं हिंदू परिषद के अध्यक्ष रमेश कुमार ने अदालत से अनुरोध किया कि इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) का अध्यक्ष अल्पसंख्यक समूह से होना चाहिए। ईटीपीबी के 23 सदस्यों में से 15 मुस्लिम हैं।
 

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