कर्ज के लिए IMF के साथ पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) सरकार की चल रही बातचीत में रोड़ा अटकने की खबर है। दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की संभावना को देखते हुए इंधन की जमाखोरी शुरू हो गई है, लोगों को पंपों पर लाइन में लगना पड़ रहा है।
इस्लामाबाद। कंगाली की हालत का सामना कर रहा पाकिस्तान तेजी से दिवालिया होने की ओर बढ़ रहा है। आईएमएफ (International Monetary Fund) से कर्ज लेने के लिए चल रही बातचीत का भी नतीजा नहीं निकल रहा है। पाकिस्तानी मीडिया से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि आईएफएफ पैसे देने को राजी नहीं हो रहा है।
पाकिस्तान की सरकार और आईएमएफ के साथ चल रही बातचीत में रोड़ा अटक गया है। दोनों पक्ष बाहरी वित्त पोषण अनुमानों और सटीक घरेलू राजकोषीय उपायों को पूरा करने में विफल रहे हैं। डॉन अखबार ने 9 फरवरी को वार्ता समाप्त होने से पहले यह जानकारी दी है। बता दें कि पाकिस्तान ने 2019 में इमरान खान की सरकार के दौरान आईएमएफ से 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर्ज लेने का करार किया था। इसे पिछले साल बढ़ाकर 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया था। वर्तमान में आईएमएफ के कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा हो रही है। इसके तहत 1.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर जारी करने के लिए बातचीत हो रही है।
पेट्रोल पंपों के बाहर लग रही लाइन
दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि की संभावना को देखते हुए जमाखोरी शुरू हो गई है। इसके चलते पेट्रोल पंपों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि की कोई योजना नहीं है। लोगों ने पंपों पर पेट्रोल नहीं मिलने की शिकायत की है। इसके बाद तेल कंपनियों को पेट्रोल का भंडारण नहीं करने की चेतावनी दी गई है।
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पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने कहा कि नियामक आवश्यकताओं के अनुसार देश के पास अगले 20 दिनों के लिए पर्याप्त ईंधन है। तेल विपणन कंपनियों द्वारा भंडारण किया जा रहा है, जिसके चलते लोगों को पेट्रोल और डीजल की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिन कंपनियों द्वारा भंडारण किया जा रहा है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और उनके लाइसेंस वापस ले लिए जाएंगे।
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