
श्रीनगर. पाकिस्तान अपनी हरकतों से अभी भी बाज नहीं आ रहा है। अब उसने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर मेहरबानी दिखाई है। पाकिस्तानी संसद ने सोमवार को गिलानी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का ऐलान किया है। पाकिस्तान के ऊपरी सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास हुआ है।
यह प्रस्ताव सरकार और विपक्ष द्वारा साझा तौर पर लाया गया था। इसके मुताबिक, गिलानी को 'निशान ए पाकिस्तान' सम्मान उनके अटूट प्रतिबद्धता, समर्पण, दृढ़ता और नेतृत्व के चलते देने का फैसला किया गया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति देते हैं ये अवार्ड
पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा निशान-ए-पाकिस्तान सम्मान को एक समारोह में दिया जाता है। इससे पहले पाकिस्तान इससे क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय, नेल्सन मंडेला और फिदेल कास्त्रो को भी नवाज चुका है।
इस्लामाबाद में बनेगी यूनिवर्सिटी
पाकिस्तान की मेहरबानी यहीं खत्म नहीं हुई। पाकिस्तान ने गिलानी के नाम पर इस्लामाबाद में एक यूनिवर्सिटी बनाने का भी ऐलान किया। इस यूनिवर्सिटी का नाम सैयद अली शाह गिलानी यूनिवर्सिटी किया जाएगा।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से दिया इस्तीफा
गिलानी ने हाल ही में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दिया था। वे इस संगठन के अजीवन अध्यक्ष रहे। यह कश्मीर में सक्रिय सभी छोटे बड़े अलगाववादी संगठनों का मंच है। कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए 13 जुलाई 1993 को ऑल पार्टीज हुर्रियत कान्फ्रेंस बनाई गई थी। इससे अलग होकर 2003 में गिलानी ने ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) या तहरीक-ए-हुर्रियत बनाई थी।
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