पाकिस्तान में पैसेंजर ट्रेन हाईजैक, क्या भारत में भी हो चुकी है ऐसी घटना, जानें कब?

Published : Mar 11, 2025, 06:09 PM IST

Pakistan Train Hijack : पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक पैसेंजर ट्रेन हाईजैक कर लिया है। बीएलए का दावा है कि उसके लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस (Jaffar Express) पर कब्जा कर लिया है। जानिए भारत में ट्रेन हाईजैक की घटनाएं कब-कब हुई हैं...

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पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक

पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक पैसेंजर ट्रेन हाईजैक कर लिया है। बीएलए ने मंगलवार, 11 मार्च को दावा किया कि उसके लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस (Jaffar Express) पर कब्जा कर लिया है। पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' ने बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद के हवाले से दी एक रिपोर्ट में बताया कि 'जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर जा रही थी। पेहरो कुनरी और गदलार के बीच भारी गोलीबारी से 6 सैनियों की मौत की खबर है।'

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Pakistan Train Hijack : ट्रेन में कितने पैसेंजर

दावा है कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने बोलन में जिस जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया है। उसमें करीब 120 पैसेंजर हैं। कहा जा रहा है कि इस ट्रेन में पाकिस्तानी आर्मी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारी भी थे। पाकिस्तानी सरकार और आर्मी ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

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भारत में भी हाईजैक हो चुकी है ट्रेन

पाकिस्तान ही नहीं भारत में भी ट्रेन हाईजैक की जा चुकी हैं। यहां कई बार ट्रेनों पर कब्जा किया गया है। साल 2013 और साल 2009 में भारत में ट्रेन पर कब्जा किया गया था। हालांकि, इस मामले में दोषियों को सजा भी हो चुकी है।

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भारत में ट्रेन हाईजैक की पहली घटना

6 फरवरी 2013 को मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे मार्ग पर सिरसा गेट से कुम्हारी के बीच करीब 13 किमी तक जनशताब्दी ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था। इस मामले में 6 दोषी निकलकर आए थे, जिन्हें उम्रकैद की सजा हुई है। पूरा मामला जयचंद अपहरण कांड से जुड़ा है। 2001 में व्यापारी जयचंद वैद्य को अगवा कर 44 दिनों तक बंधक बनाए रखा गया था। पुलिस ने इस मामले में उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा को मुख्य आरोपी बनाया थालेकिन वह जेल तोड़कर भाग निकला और बाद में जनशताब्दी को हाईजेक किया।

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भारत में ट्रेन हाईजैक की दूसरी घटना

साल 2009 में 300 से 400 हथियारबंद माओवादियों ने भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को जंगलमहल के करीब हाईजैक कर लिया था। सैंकड़ों पैसेंजर और रेलवे स्टाफ बंधक बना लिए गए थे। 150 CRPF जवान और 20 पुलिसकर्मियों ने मिलकर ट्रेन को आजाद कराया। सभी यात्री और स्टाफ सुरक्षित थे। इस हाईजैक में छत्रधर का नाम आया, जिसके इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया गया।

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