
Pakistan Train Hijack: बलूच लिबरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army) ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत में जाफर एक्सप्रेस (Jaffar Express) पर हमला किया और यात्रियों को बंधक बना लिया। बंधक संकट बुधवार को दूसरे दिन भी जारी है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने लगभग 150 बंधकों को मुक्त कराने और दो दर्जन से ज्यादा बलूच आतंकवादियों को मारने का दावा किया है। आइए जानते हैं बार-बार बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को क्यों निशाना बनाया है?
जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर जा रही थी। मंगलवार को दोपहर करीब 1 बजे बलूच विद्रोहियों ने इसपर हमला किया। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार जाफर एक्सप्रेस पर सबसे हाल ही में फरवरी में हमला हुआ था। बम धमाके में ट्रेन में सवार एक यात्री की मौत हो गई थी और एक दर्जन लोग घायल हुए थे। जनवरी में बोलन जिले में इस ट्रेन को निशाना बनाने के लिए धमाका किया गया था, इसके चलते ट्रेन पटरी से उतर गई थी। इस हमले में 13 लोग घायल हुए थे। धमाका क्वेटा से लगभग 150 किलोमीटर दूर हुआ था।
नवंबर 2023 में भी इस ट्रेन पर हमला हुआ था। क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। इस घटना में 26 लोगों की मौत हुई थी। महिलाओं और बच्चों सहित 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। फरवरी 2023 में ट्रेन के चिचावतनी रेलवे स्टेशन को पार करते समय धमाका हुआ था। इसके चलते दो लोगों की मौत हुई थी और चार घायल हो गए थे। धमाका ट्रेन के इकोनॉमी क्लास के बोगी नंबर 6 में हुआ था। 2018 में बलूच विद्रोहियों ने ट्रेन उड़ाने के लिए रिमोट कंट्रोल IED में धमाका किया था। ट्रेन में सवार यात्री बाल-बाल बच गए थे।
जाफर एक्सप्रेस पर अधिक हमले होने की मुख्य वजह उसमें सवार एक खास वर्ग के यात्री हैं। इस ट्रेन में पाकिस्तानी सेना के जवान अधिक यात्रा करते हैं। वे पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से ट्रेन में सवार होकर बलूचिस्तान आते हैं और बलूच विद्रोहियों के खिलाफ लड़ते हैं। बदले की कार्रवाई के रूप में बलूच विद्रोही ट्रेन को निशाना बनाते हैं।
यह ट्रेन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों के निशाने पर भी रहता है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का क्रूर रिकॉर्ड रहा है। बलूचिस्तान आकार में पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी आबादी सबसे कम है।
बलूच विद्रोही चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (सीपीईसी) का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट की मदद से चीन बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को ले जा रहा है। इसके चलते BLA और अन्य अलगाववादी समूह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को निशाना बना रहे हैं।
जाफर एक्सप्रेस पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर के बीच चलती है। 1,630km की दूरी तय करने में इसे 30 घंटे लगते हैं। इस ट्रेन में 9 डिब्बे हैं। यह पेशावर कैंट, पेशावर सिटी, नौशेरा जंक्शन, जहांगीरा रोड, अटॉक सिटी, रावलपिंडी, झेलम, लाला मूसा जंक्शन, गुजरात, वजीराबाद जंक्शन, गुजरांवाला, लाहौर जंक्शन, लाहौर कैंट, रायविंड जंक्शन, पट्टोकी, ओकारा, साहीवाल, चिचावतनी, मियां चन्नुन, खानेवाल जंक्शन और अन्य जगहों पर रुकती है।
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