बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का मंडरा रहा खतरा

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की उम्मीद कम ही बची है, वहीं, दूसरी ओर उस पर ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का खतरा भी मंडराने लगा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2021 4:32 AM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की उम्मीद कम ही बची है, वहीं, दूसरी ओर उस पर ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का खतरा भी मंडराने लगा है। बताया जा रहा कि सोमवार से पेरिस में शुरू हो रही एफएटीएफ की वर्चुअल मीटिंग में पाकिस्तान समेत अन्य देशों पर फैसला हो सकता है। 
 
पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक, एफएटीएफ की बैठक 22-25 फरवरी के बीच पेरिस में होनी है। इसमें पाकिस्तान समेत ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर चर्चा होगी। ऐसे में पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट में भी शामिल होने का खतरा है। दरअसल, कुछ यूरोपीय देशों का मानना है कि इमरान सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सभी कायदों को अब तक पूरी तरह लागू नहीं किया है।

आतंकी संगठनों पर नहीं हुई कार्रवाई
पिछले साल अक्टूबर में हुई बैठक में पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया गया था। उसे 23 पॉइंट का एक प्रोग्राम सौंपा गया था। साथ ही पाकिस्तान को कहा गया था कि इन शर्तों को पूरा करने के साथ साथ पुख्ता सबूत भी देना है। पहले पाकिस्तान को दिसंबर 2020  तक का समय दिया गया था। लेकिन बाद में कोरोना के चलते इसे बढ़ा दिया गया। 

उधर, एफएटीएफ के पास यह भी जानकारी है कि पाकिस्तान सरकार ने अब तक आतंकी संगठनों पर ठोस कार्रवाई नहीं की। यहां तक की जेयूडी और जैश दोनों पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अमेरिका ने भी पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल होने से रोकना होगा।

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