
पेशावर(Peshawar). ये तस्वीरें पाकिस्तान के पेशावर स्थित दिग्गज अभिनेता 'ट्रेजेडी किंग' दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर की हैं, जो खंडहर में तब्दील हो गया है। भूतिया जगह सा दिखने लगा है। कई शुभचिंतकों और पाकिस्तानी प्रशंसकों ने दिवंगत अभिनेता को उनकी 100वीं जयंती पर याद करते हुए यहां उनके पुश्तैनी घर की जर्जर स्थिति को उजागर किया। मकसद था कि पाकिस्तान सरकार इस ओर ध्यान दे। बता दें कि 11 दिसंबर को उनकी 100वीं बर्थ एनिवर्सरी मनाई गई।
खैबर पख्तूनख्वा की कल्चरल हेरिटेज काउंसिल (The Cultural Heritage Council-CHC) ने मोहल्ला खुदादाद के ऐतिहासिक किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित सिल्वर स्क्रीन आइकन के पैतृक घर में उनकी जन्म शताब्दी मनाई। यहां एक कार्यक्रम आयोजित किया, जहां उनके पड़ोसियों, रिश्तेदारों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पिछली बार अभिनेता का जन्मदिन पेशावर प्रेस क्लब में मनाया गया था, लेकिन इस बार यह उनके पुराने घर में मनाया गया। सीएचसी के महासचिव शकील वहीदुल्लाह खान ने कहा कि जर्जर मकान में कार्यक्रम आयोजित करने का मकसद इमारत की स्थिति को उजागर करना था। उन्होंने कुमार की जयंती समारोह में भाग लेने वाले लोगों की सराहना की और कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाना है। वहीदुल्लाह ने कहा कि यह घर दिग्गज अभिनेता का था, लेकिन कभी किसी ने इसे ठीक से संरक्षित करने पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह घर 128 साल पुराना है और इसे हेरिटेज बिल्डिंग का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार और पुरातत्व विभाग इसकी मरम्मत और संरक्षण के लिए जिम्मेदार थे।
वहीदुल्लाह ने कहा कि हर साल इसकी मरम्मत और संरक्षण के झूठे दावे किए जाते हैं, लेकिन वास्तव में अब तक कुछ भी नहीं किया गया है। वहीदुल्लाह ने कहा कि अगर सरकार ने इसके संरक्षण के लिए व्यावहारिक कदम नहीं उठाए तो पेशावर के लोगों द्वारा संपत्ति को और नुकसान से बचाने के लिए फंडिंग कैम्पेन(fundraising campaign) शुरू किया जाएगा।
दिलीप कुमार 11 दिसंबर 1922 को यूसुफ खान के रूप में खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय राजधानी के प्रसिद्ध किस्सा ख्वानी बाजार के पास मोहल्ला खुदादाद में एक हिंडको-भाषी अवान परिवार में पैदा हुए। उन्होंने भारत में प्रवास(migrating to India) करने से पहले अपने बचपन के 12 साल यहां बिताए थे। दिलीप कुमार के सदियों पुराने पैतृक घर को तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय विरासत घोषित किया था।
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