मुस्लिम देशों के सम्मेलन में पाक PM की बेइज्जती, सबसे पीछे खड़े दिखे शहबाज शरीफ

Published : Nov 12, 2024, 11:18 PM IST
Shehbaz sharif in Arab

सार

रियाद में हुए मुस्लिम देशों के सम्मेलन में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को सबसे पीछे खड़ा किया गया। इस तस्वीर ने पाकिस्तान की मुस्लिम देशों में उसकी हैसियत को उजागर कर दिया है।

इंटरनेशनल डेस्क। पाकिस्तान का सम्मान उसके अपने ही बिरादर मुल्कों में कितना है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुस्लिम देशों के सम्मेलन में पाक पीएम शहबाज शरीफ को सबसे पीछे खड़ा किया गया। पाकिस्तान भले ही खुद को मुस्लिम देशों का लीडर समझता हो लेकिन तमाम इस्लामिक देशों ने आखिर उसे उसकी हैसियत दिखा दी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 11 नवंबर 2024 को फिलिस्तीन-गाजा में हो रहे इजराइली हमले के विरोध में सऊदी अरब के रियाद में एक सम्मेलन हुआ, जिसमें तमाम मुस्लिम देशों के टॉप लीडर्स शामिल हुए। इस बैठक का मकसद इजराइल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना था, ताकि वो गाजा समेत तमाम इस्लामिक मुल्कों पर हमले बंद करे। साथ ही गाजा में सीजफायर के समझौते को राजी हो। सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी गाजा के लिए जोरशोर से आवाज उठाई, लेकिन एक तस्वीर ने बता दिया कि मुस्लिम देशों की नजर में पाकिस्तान की औकात कितनी है।

सम्मेलन से जुड़ी तस्वीर हुई वायरल

इस सम्मेलन से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें तमाम इस्लामिक देशों के नेता खड़े हुए हैं। हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस फोटो में सबसे पीछे नजर आ रहे हैं। इस फोटो पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि तमाम मुस्लिम देशों ने ये साबित कर दिया है कि उनकी नजरों में पाकिस्तान की कितनी अहमियत है। चीमा के मुताबिक, दूसरे एशियाई देशों के नेता फर्स्ट रो में खड़े हैं, क्योंकि अरब वर्ल्ड उन्हें पाकिस्तान से ज्यादा पावरफुल मानता है।

'पाकिस्तान को तो हम जब मर्जी पैसे देकर खरीद लें'

कमर चीमा के मुताबिक, पाकिस्तानी भले ही खुद को न्यूक्लियर पावर होने का दंभ भरते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि तमाम मुस्लिम देश मानते हैं कि उसे तो हम जब चाहें पैसे देकर बुला सकते हैं। ये वाकई गंभीर बात है कि हमारे प्रधानमंत्री को आखिर पीछे की लाइन में ही क्यों खड़ा किया गया? इतना ही नहीं, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू फर्स्ट लाइन में हैं, तुर्किए के राष्ट्रपति उनके बगल में हैं और सेंट्रल एशिया के लीडर भी आगे हैं। तरजीह हमेशा ताकतवर को दी जाती है।

मोदी होते तो अपने साथ खड़ा करते बिन सलमान

कमर चीमा के मुताबिक, शहबाज शरीफ की जगह अगर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी सम्मेलन में जाते तो सऊदी अरब के मोहम्मद बिन सलमान उन्हें अपने साथ खड़ा करते, क्योंकि वो जानते हैं कि पूरी दुनिया में भारत और मोदी का कद कितना बड़ा है। 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी वाले भारत की वैल्यू उन्हें अच्छी तरह मालूम है। 600-700 अरब डॉलर तो उनका विदेशी मुद्रा भंडार में पड़ा है। 

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