पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम की बढ़ीं मुश्किलें, 'आजादी मार्च' के जरिए इमरान खान से इस्तीफे की मांग

Published : Nov 01, 2019, 09:13 AM ISTUpdated : Nov 01, 2019, 10:31 AM IST
पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम की बढ़ीं मुश्किलें, 'आजादी मार्च' के जरिए इमरान खान से इस्तीफे की मांग

सार

अपने ही मुल्क में विरोध का सामना कर रहे पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही है। विश्वभर में भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिशों में जुटे इमरान के खिलाफ उनके ही देश में माहौल बन रहा है। जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में विपक्ष का 'आजादी मार्च' गुरुवार रात इस्लामाबाद पहुंच गया। 'आजादी मार्च' जरिए इमरान खान का जमकर विरोध हो रहा है और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।

इस्लामाबाद. अपने ही मुल्क में विरोध का सामना कर रहे पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही है। विश्वभर में भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिशों में जुटे इमरान के खिलाफ उनके ही देश में माहौल बन रहा है। जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में विपक्ष का 'आजादी मार्च' गुरुवार रात इस्लामाबाद पहुंच गया। 'आजादी मार्च' जरिए इमरान खान का जमकर विरोध हो रहा है और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।

'इमरान सरकार को भ्रष्ट तरीके से सत्तारूढ़ कराया गया था'
पाकिस्तान में इमरान खान के कुशासन के खिलाफ लोगों का गुस्सा इतना भड़का हुआ है कि हजारों प्रदर्शनकारी गुरुवार को रात भर राजधानी इस्लामाबाद की सड़कों पर इमरान के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। आज एक बार फिर वह इस्लामाबाद में मार्च करेंगे। पाकिस्तान की कई विपक्षी पार्टियों का भी 'आजादी मार्च' को समर्थन है। बता दें कि बिती रात विपक्षी अवामी नेशनल पार्टी के कार्यकर्ता आजादी मार्च में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे। विपक्ष इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहा है। उन्होंने बताया कि इमरान सरकार को भ्रष्ट तरीके से सत्तारूढ़ कराया गया था। इसे जनादेश नहीं हासिल है। वहीं पाक पीएम इमरान खान ने साफ कर दिया है कि उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

जुमे की नमाज के बाद जनसभा
हालांकि, मार्च को देखते हुए इस्लामाबाद में सेना को तलब कर दिया गया है और सैनिकों ने संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा संभाल ली है। इस्लामाबाद पहुंचने पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से पहले अलग-अलग बातें आ रही थीं। लेकिन, अब 'डॉन' की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बात पर सहमति हो गई है कि गुरुवार को इस्लामाबाद में कोई जलसा नहीं होगा। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जनसभा होगी।

इससे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेताओं ने एक बयान में कहा था कि देश में गुरुवार को हुए भीषण रेल हादसे के कारण इस्लामाबाद में कोई जलसा नहीं होगा। जुमे की नमाज के बाद जलसा किया जाएगा। इस पर जेयूआई-एफ ने कहा था कि जलसा गुरुवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगा। लेकिन, 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, जेयूआई-एफ के प्रवक्ता अकरम खान दुर्रानी ने इस बात की पुष्टि की है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जलसा होगा। दुर्रानी ने कहा कि विपक्षी नेताओं की कमेटी से सलाह के बाद यह बात तय हो पाई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक मार्च शांतिपूर्ण रहा है। सरकार ने भी इसमें कोई रुकावट नहीं पैदा की है। लेकिन, देश की राजधानी में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए संवेदनशील इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है। शहर में सभी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय बंद हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्तों को आम लोगों के लिए बंद किया है और कुछ जगहों पर रूट बदला गया है।

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