फाइजर के फेल होने पर 17 सवालों का जवाब ना दे सके CEO, केंद्रीय मंत्री बोले- राहुल एंड टीम इन्हीं वैक्सीन का गुणगान कर रही थी

केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने ट्वीट में इस वीडिया के साथ लिखा, 'सभी भारतीयों को याद दिला दूं कि इसी फाइजर कंपनी ने हानि से सुरक्षा की शर्त मानने के लिए भारत को धमकाया था और राहुल एंड टीम ऐसी विदेश वैक्सीन का गुणगान कर रहे थे'।

Piyush Singh Rajput | Published : Jan 20, 2023 8:19 AM IST / Updated: Jan 20 2023, 03:26 PM IST

वर्ल्ड डेस्क. कोविड काल में जिन विदेशी वैक्सीन का राहुल गांधी, पी चिदम्बरम और जयरॉम रमेश गुणगान कर रहे थे, वो बुरी तरह फेल हुई हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने फाइजर वैक्सीन के सीईओ का एक वीडियो शेयर करते हुए ये बात कही। वीडियो में फाइजर कंपनी के सीईओ वैक्सीन को लेकर किए गए झूठे दावों पर एक भी जवाब नहीं दे पाते हैं। शुक्रवार को केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने ट्वीट में इस वीडिया के साथ लिखा, 'सभी भारतीयों को याद दिला दूं कि इसी फाइजर कंपनी ने इंडेम्निटी (हानि से सुरक्षा) की शर्त मानने के लिए भारत को धमकाया था। और राहुल, चिदम्बरम और जयरॉम रमेश की तिकड़ी कोविड काल में ऐसी विदेश वैक्सीन का गुणगान कर रहे थे'। 

क्या है शेयर किए गए वीडियो में?

दरअसल, केंद्रीय मंत्री द्वारा शेयर किए गए वीडियो में दो पत्रकार फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोर्ला पर एक के बाद एक 17 सवाल दागते हैं। इनमें से किसी भी सवाल का जवाब अल्बर्ट नहीं देते और नजरअंदाज करते हुए चलते जाते हैं। 

पत्रकार फाइजर के सीईओ से ये सवाल पूछते हैं - 

पत्रकार : मिस्टर बोर्ला क्या आप ये बता सकते हैं कि आपको कब पता चला कि आपकी वैक्सीन वायरस का संक्रमण नहीं रोक सकती? आपने ये पता चलने के बाद कब जनता को बताया?

बोर्ला (नजरअंदाज करते हुए) : आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

पत्रकार : मेरे सवाल का मतलब है कि हम जानते हैं कि वैक्सीन संक्रमण नहीं रोक सकी। पर आपने इस बात को क्यों छिपाए रखा?

पत्रकार : आपने शुरुआत में कहा कि ये 100 प्रतिशत प्रभावी है, फिर 90, 80 और 70 प्रतिशत। हम जानते हैं कि वैक्सीन संक्रमण नहीं रोक सकती। फिर भी आपने इस बात को क्याें छिपाया?

दूसरा पत्रकार : आपको नहीं लगता सर कि आपको पूरी दुनिया से मांफी मांगनी चाहिए? क्या आपको उन देशों से माफी नहीं मांगनी चाहिए जिन देशों ने आपकी अप्रभावी वैक्सीन को पाने के लिए इतना पैसा खर्च किया? आपने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भी किया उसके लिए आपको शर्म नहीं आती?

(बोर्ला ने फिर भी कोई जवाब नहीं दिया और कहा आपका दिन शुभ रहे)

इसके बाद दोनों पत्रकारों ने फाइजर के सीईओ से एक दर्जन सवाल पूछे जिसपर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। 

 

 

भारत में इस वजह से नहीं आई Pfizer 

एक ओर जहां विदेशी मीडिया अब फाइजर वैक्सीन को कटघरे में खड़ा रही है वहीं भारत सरकार कोविड काल में ही इनके मंसूबे समझ गई थी। दरसअल, नीति आयोग ने बताया था कि किन अजीब शर्तों की वजह से फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन को भारत में अनुमति नहीं दी गई थी। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया था कि कोविड-19 के लिए फाइजर की वैक्सीन (Pfizer mRNA) के लिए कंपनी ने भारत में इंडेम्निटी की शर्त यानी हानि से सुरक्षा की मांग की थी। इसका अर्थ यह था कि इन वैक्सीन को लगवाने के बाद होने वाली किसी भी दुर्घटना या लोगों की मृत्यु तक होने पर कंपनियों की न तो कोई जवाबदारी होती और न जिम्मेदारी। मार्डना की भी कुछ ऐसी ही शर्तें थी, जिसके बाद इन विदेशी वैक्सीनों को भारत में लाने की अनुमति नहीं दी गई।

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