
PM Modi in Paris AI Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रही है और यह तकनीकी विकास के अन्य पड़ावों से बहुत अलग है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि AI अभूतपूर्व गति से विकसित हो रही है और इसे बहुत तेज़ी से अपनाया जा रहा है।
पेरिस में मंगलवार को आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट (AI Action Summit) में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इस समिट की मेज़बानी के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा: AI पहले से ही हमारी शासन प्रणाली, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और समाज को नया आकार दे रही है। AI इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रही है। लेकिन यह तकनीकी विकास के अन्य पड़ावों से बहुत अलग है। यह अभूतपूर्व गति से विकसित हो रही है और इसे अपनाने की प्रक्रिया भी बहुत तेज़ है। इसके अलावा, यह वैश्विक स्तर पर परस्पर निर्भरता भी बढ़ा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि AI स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि सहित कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। AI लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बना सकती है। यह सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) की प्राप्ति की दिशा में हमारी यात्रा को और तेज़ कर सकती है। इसके लिए हमें संसाधनों और प्रतिभाओं को एकजुट करना होगा और ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित करने होंगे जो पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा दें।
AI के कारण नौकरियों के संभावित नुकसान पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह तकनीक से जुड़ी सबसे बड़ी चिंता है। लेकिन इतिहास बताता है कि तकनीक से नौकरियां खत्म नहीं होतीं, बल्कि उनका स्वरूप बदलता है और नए प्रकार की नौकरियां उत्पन्न होती हैं। उन्होंने कहा कि AI संचालित भविष्य के लिए लोगों को कुशल और पुनः प्रशिक्षित करने में निवेश करना आवश्यक है।
पीएम मोदी ने AI से जुड़ी कुछ गंभीर चुनौतियों पर भी चर्चा की, जिनमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना (Disinformation) और डीपफेक (Deepfake) जैसी समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हमें गुणवत्तापूर्ण डेटा सेट बनाने होंगे जो किसी भी पूर्वाग्रह से मुक्त हों। हमें तकनीक को लोकतांत्रिक बनाना होगा और इसे आम लोगों के लिए उपयोगी बनाना होगा। साथ ही, इसे स्थानीय स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे से जोड़ना होगा।
PM मोदी ने कहा कि AI के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग और समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा, "हमें वैश्विक प्रयासों को मजबूत करना होगा ताकि AI से जुड़े मानक और गवर्नेंस मॉडल विकसित किए जा सकें जो हमारे साझा मूल्यों को प्रतिबिंबित करें, जोखिमों को कम करें और विश्वास बढ़ाएं।" उन्होंने खास तौर पर वैश्विक दक्षिण (Global South) की क्षमताओं में कमी को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपना बड़ा भाषा मॉडल (Large Language Model) विकसित कर रहा है, जो देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "भारत के पास सार्वजनिक-निजी साझेदारी का एक अनूठा मॉडल है, जिसमें कंप्यूटिंग संसाधनों को साझा किया जाता है। इसे हमारे स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं को किफायती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।"
भारत AI के भविष्य को समर्पित करने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा, "हम AI के युग की दहलीज पर खड़े हैं, जो मानवता के भविष्य को नया आकार देगा। कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मशीनें इंसानों से अधिक बुद्धिमान हो सकती हैं, लेकिन हमारी साझा नियति का भविष्य हमारे ही हाथों में है।"
पीएम मोदी सोमवार को फ्रांस पहुंचे, जहां उन्हें फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू (Sebastien Lecornu) ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया। इस दौरान भारतीय प्रवासी समुदाय ने भी गर्मजोशी से उनका अभिनंदन किया।
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