PM Modi के कल्चरल गिफ्ट्स: थाईलैंड के राजा, रानी और प्रधानमंत्री को मोदी ने दिया बहुत खास गिफ्ट

Published : Apr 04, 2025, 06:59 PM ISTUpdated : Apr 04, 2025, 07:02 PM IST

PM Modi ने थाईलैंड के राजा को सारनाथ बुद्ध की पीतल प्रतिमा, रानी को सिल्क ब्रोकेड शॉल, प्रधानमंत्री को डोकरा मोर नाव, जीवनसाथी को टाइगर मोटिफ कफ़लिंक और पूर्व पीएम थाकसिन को दी मोर-दीया पीतल उरली। जानिए इन उपहारों की खासियत और भारतीय विरासत का संदेश।

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थाईलैंड के राजा को मिला ध्यान मुद्रा में सारनाथ बुद्ध

थाईलैंड के किंग को पीएम मोदी ने पीतल की ध्यानमग्न सारनाथ बुद्ध प्रतिमा (Sarnath Buddha Brass Statue) गिफ्ट की है। यह न केवल भारतीय शिल्प कौशल का अद्भुत उदाहरण है बल्कि गुप्त और पाल कला की शांति और सौंदर्य को भी प्रकट करती है। इस मूर्ति में बुद्ध कमल के आसन पर विराजमान हैं और उनकी अभिव्यक्ति गहन ध्यान व आंतरिक शांति की प्रतीक है। यह उपहार भारत और थाईलैंड की साझा बौद्ध विरासत को दर्शाता है।

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थाईलैंड की रानी के लिए बनारसी ब्रोकेड सिल्क शॉल

थाईलैंड की रानी को भेंट में दी गई बनारस की ब्रोकैड सिल्क शॉल (Banarasi Silk Brocade Shawl) रंगों, कला और भारतीय परंपरा का जीवंत मेल है। इस शॉल में पिचवाई और लघुचित्र कला को देखा जा सकता है साथ ही पारंपरिक रंगों की सुंदरता है – लाल, नीला, हरा और सोने की सजावट इसे खास बनाती है।

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थाईलैंड के प्रधानमंत्री को मिली डोकरा मोर नाव

थाईलैंड के प्रधानमंत्री को पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध डोकरा कला (Dokra Art) में बनी मोर थीम वाली नाव दी। इस पीतल की कलाकृति में एक मोर के आकार की नाव है, जिस पर एक आदिवासी सवार है। यह मानव और प्रकृति के सामंजस्य का प्रतीक है, जो भारत की जनजातीय कलाओं की जीवंतता को प्रस्तुत करता है।

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जीवनसाथी के लिए टाइगर मोटिफ़ सिल्वर-गोल्ड कफ़लिंक

थाईलैंड के प्रधानमंत्री के जीवनसाथी को भेंट किए गए टाइगर मोटिफ़ वाले कफ़लिंक (Tiger Motif Cufflinks) पारंपरिक मीनाकारी और आधुनिक डिज़ाइन का सुंदर मिश्रण हैं। ये साहस, नेतृत्व और राजसी ठाट का प्रतीक हैं। सोने की परत और मोतियों की सजावट के साथ यह अद्भुत दिखता है।

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पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन को मिली मोर और दीया वाली पीतल की उरली

पूर्व पीएम थाकसिन शिनावात्रा को भेंट की गई आंध्र प्रदेश की पारंपरिक उरली (Brass Urli with Peacock & Diya) शुद्धता, समृद्धि और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। मोर, दीया और पानी से भरी इस कलाकृति को अक्सर पूजा या उत्सवों में सजावट के रूप में रखा जाता है। यह भारत की पारंपरिक धातु कारीगरी का एक शानदार उदाहरण है।

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