
G20 summit: जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए बाली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रवासी भारतीयों ने जबर्दस्त स्वागत किया। इंडोनेशिया में पीएम मोदी ने दोनों देशों के संबंधों पर भी बात की है। सनातन धर्म के देवी-देवताओं से इंडोनेशियाई लोगों के जुड़ाव और पवित्र रामायण के प्रति आस्था का भी उन्होंने जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडोनेशिया और भारत का हजारों साल पुराना संबंध है। यहां आने के बाद हर हिन्दुस्तानी के मन में एक अलग अहसास होता है। यह अहसास हमारे पुराने रिश्तों की वजह से है, हमारी समान परंपराओं की वजह से है।
समंदर की लहरों ने हमारे संबंध को जीवंत रखा...
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया कहने को दो देश हैं लेकिन दोनों की परंपराएं, विकास यात्रा और संबंध एक दूसरे से बहुत ही घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है। दोनों देशों की दूरियां, संबंधों को और प्रगाढ़ करती हैं। यूं कहें कि हम 99 नॉटिकल मील दूर नहीं बल्कि 99 नॉटिकल पास हैं। न जाने कितनी बातें हैं जो हमें आपस में जोड़ती हैं। हमारी विरासत, संस्कृति और परंपराएं सब साझी हैं। हम 15 अगस्त को आजाद हुए इंडोनेशिया उसके दो साल पहले 17 अगस्त को। भारत के पास हिमालय है तो यहां आगुंग है। भारत और इंडोनेशिया दोनों के पास गंगा है। दोनों देशों के लिए रामायण बेहद पवित्र ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया में श्री गणेश घर-घर विराजमान हैं। हमारे देश ही नहीं इंडोनेशिया का भी जन-जन महाभारत के साथ बड़ा होता है। यह परंपराएं सदियों पुरानी है जिसे मिटायी नहीं जा सकती। पीएम ने कहा कि भारत में भव्य राममंदिर की जब नींव रखी जाती है तो इंडोनेशिया की रामायण बरबस ही याद आती है।
यहां मिलता है अपनत्व...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की तारीफ करते हुए कहा कि यहां अपनत्व मिलता है। हर एक अहसास अपनेपन से सराबोर होता है। कुछ साल पहले जब यहां भूकंप आया तो हमने ऑपरेशन समुद्र मैत्रेयी चलाया। पिछली बार जब यहां आया तो यहां के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ पतंग उड़ाई थी। मैं अपने गुजरात में मकर संक्रांति पर खूब पतंग उड़ाया करता था। दोनों देश एक दूसरे के सुख-दु:ख के साथी हैं।
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