G-20: तो क्या इस डर के चलते जी-20 में हिस्सा नहीं ले रहे पुतिन, रूसी विश्लेषक के दावे ने मचाई सनसनी

इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन 15 नवंबर से शुरू हो गया। इसमें भाग लेने के लिए भारत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत ग्रुप के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंचे हैं। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जी-20 समिट से किनारा कर लिया है। उनकी जगह इस बार रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजा गया है।

G-20 Summitt: इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन 15 नवंबर से शुरू हो गया। इसमें भाग लेने के लिए भारत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत ग्रुप के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंचे हैं। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जी-20 समिट से किनारा कर लिया है। उनकी जगह इस बार रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजा गया है। ऐसे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर पुतिन सम्मेलन के लिए क्यों नहीं पहुंचे। 

तो क्या इसलिए पुतिन ने जी-20 से किया किनारा?
इसी बीच, रूस की संसद क्रेमलिन के समर्थक और विश्लेषक सर्गेइ मारकोव के दावे ने सनसनी मचा दी है। मारकोव का कहना है कि व्लादिमीर पुतिन जी-20 सम्मेलन में इसलिए शामिल नहीं हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी हत्या किए जाने का डर है। ब्रिटिश अखबार 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक, मारकोव ने लिखा है कि रूसी सैनिकों की खेरसॉन से वापसी के बाद पुतिन को डर सता रहा है कि अमेरिकी, ब्रिटेन और यूक्रेन की स्पेशल फोर्सेज उनकी हत्या की साजिश रच सकती हैं। 

Latest Videos

रची जा सकती थी पुतिन को अपमानित करने की साजिश : 
इतना ही नहीं, मारकोव का ये भी दावा है कि जी-20 मीटिंग के दौरान व्लादिमीर पुतिन को अपमानित करने की भी साजिश रची जा सकती थी। ऐसे में बाली में यूक्रेन को लेकर संभावित टकराव से बचने के लिए व्लादिमीर पुतिन ने जी-20 सम्मेलन में शामिल होने से किनारा कर लिया। अब उनकी जगह इस मीटिंग में रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव पहुंचे हैं।    

खेरसॉन से रूसी सेनाओं की वापसी पर उठे सवाल?
बता दें कि यूक्रेन और रूस में पिछले 8 महीने चल रही जंग के बीच रूस ने खेरसॉन से अपनी सेनाओं को वापस बुला लिया है। रूसी जनता इसे अपनी हार के तौर पर देख रही है। यही वजह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस फैसले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। खुद रूस में पुतिन के इस फैसले से लोग बेहद नाराज हैं। बता दें कि 25 फरवरी, 2022 से यूक्रेन के खिलाफ चल रही जंग में रूस ने काफी पैसा खर्च किया है। इसके बावजूद वो अब तक यूक्रेन पर पूरी तरह से कब्जा नहीं कर पाया है। 

कौन हैं सर्गेई मारकोव?
सर्गेई मारकोव मॉस्को के इंस्टिट्यूट फॉर पॉलिटिकल स्टडीज के डायरेक्टर हैं। इसके साथ ही वो रूस की संसद क्रेमलिन के समर्थक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं। वो अंतरराष्ट्रीय मामलों पर रूसी सार्वजनिक मंच के उपाध्यक्ष भी हैं। मारकोव रूस की राष्ट्रीय सामरिक परिषद के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में भी काम करते हैं। मारकोव का कहना है कि अगर रूस इस युद्ध को जीतना चाहता है तो हमें और कड़ाई से फैसले लेने होंगे। हमारी फैक्ट्रियों में 24 घंटे और सातों दिन ड्रोन, मिसाइलें और बम बनने चाहिए।

ये भी देखें : 

कौन है ये 'निर्दयी' कमांडर जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा करते हैं पुतिन, इंसानी जानों की जरा भी नहीं करता परवाह

सामने मौत, फिर भी मौज : रूस ने किया एटम बम से हमला तो 'सेक्स पार्टी' करेंगे यूक्रेन के 15 हजार लोग

Share this article
click me!

Latest Videos

Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
'गौतम अडानी गिरफ्तार हों' Rahul Gandhi ने PM Modi पर लगाया एक और बड़ा आरोप
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts