Millets के बेनिफिट्स पर ग्रैमी विनर ने रिलीज किया स्पेशल गाना, पीएम मोदी की आवाज भी देगी सुनाई

Published : Jun 17, 2023, 08:53 AM IST
pm modi falguni shah

सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज (Millets) को लेकर बेहद संजीदा हैं और देश-विदेश में वे मोटे अनाज के फायदे बता रहे हैं। अब उन्होंने मोटे अनाज के फायदे गिनाने वाले विशेष गाने में भी अपनी आवाज दी है।

PM Modi Millets Song. पीएम मोदी ने ग्रैमी पुरस्कार विनर भारतीय-अमेरिकी सिंगर फाल्गुनी शाह के साथ एक स्पेशन गाने में अपनी आवाज दी है। इस गाने के बोल हैं 'अबंडेंस इन मिलेट्स'। इस गाने को फाल्गुनी शाह और उनके पति गौरव शाह ने गाया है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज भी सुनाई देगी। यह गीत 16 जून को रिलीज कर दिया गया। भारत के प्रस्ताव पर ही वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया गया है।

पीएम मोदी ने गीत लिखने में की है मदद

ग्रैमी विनर सिंगर फाल्गुनी शाह ने बताया कि इस गीत को लिखने में पीएम मोदी ने मदद की है और मेरे पति गौरव शाह ने लिखा है। यह गीत अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में लिखा गया है। यह गाना मोटे अनाज के फायदों को बताने वाला है। ग्रैमी विनर की वेबसाइट पर यह बताया गया है कि इंटरनेशनल मोटा अनाज वर्ष के मौके पर 16 जून 2023 को अबंडेंस ऑफ मिलेट्स गीत रिलीज करेंगे। इस गीत में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नजर आएंगे। पीएम मोदी का मानना है कि विश्व में भूखमरी मिटाने के लिए मोटा अनाज ही सबसे कारगर है।

2022 में मिला था फाल्गुनी को ग्रैमी पुरस्कार

भारतीय अमेरिकी सिंगर फाल्गुनी शाह को साल 2022 में ग्रैमी पुरस्कार दिया गया था। ए कलरफुल वर्ल्ड के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल एल्बम में ग्रैमी पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया था। ग्रैमी जीतने के बाद वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली और वहीं पर मोटे अनाज के फायदों पर आधारित गीत रचने का विचार आया। पीएम मोदी ने भी दुनिया से भूखमरी समाप्त करने का संदेश देने वाले गीत रचने का सुझाव दिया। तब फाल्गुनी ने गीत रचने में पीएम मोदी की मदद मांगी और वे गीत लिखने में मदद के लिए तैयार हो गए।

भारत रहा है मोटे अनाज उत्पादन का केंद्र

भारत में सदियों से मोटे अनाज की खेती होती रही है। सिंधू घाटी की सभ्यता के दौरान मोटे अनाज की खपत के कई प्रमाण मिले थे। उस वक्त यह भारत की मुख्य फसल होती थी। इस वक्त दुनिया के करीब 130 देश मोटे अनाज की खेती कर रहे हैं। मोटे अनाज में बाजरा पूरे एशिया और अफ्रीकी महाद्वीप में करीब 50 करोड़ लोगों का पारंपरिक भोजन माना जाता है।

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