भारत ने आर्टमिस समझौते (Artemis Accords) में शामिल होने का फैसला किया है। इस पर अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस (US VP Kamala Harris) ने पीएम मोदी (PM Modi) को थैंक्स कहा है।
PM Modi's US Visit. अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री को आर्टमिस समझौते में शामिल होने पर धन्यवाद कहा है। पीएम मोदी शुक्रवार को स्टेट लंच में शामिल हुए, जहां वाइस प्रेसीडेंट कमला हैरिस ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर पीएम मोदी को धन्यवाद कहना चाहती हूं। मैं नेशनल स्पेस काउंसिल की तरफ से भी धन्यवाद कहूंगी क्योंकि आपके नेतृत्व में भारत हमारे स्पेस और अर्थ-साइंस सैटेलाइट प्रोग्राम में शामिल हुआ है, जो कि क्लाइमेट क्राइसिस के लिए काम करता है।
क्या है आर्टमिस समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जून 2023 को आर्टमिस समझौते में शामिल होने का ऐलान किया। दरअसल, आर्टमिस समझौता 2025 में मानव को चंद्रमा पर बसाने का मिशन है, जिसका नेतृत्व अमेरिका कर रहा है। आर्टमिस एकॉर्ड एक तरह का नॉन बाइंडिंग मल्टीलेटेरल एरेंजमेंट है, जो यूनाइटेड स्टेट सरकार और दुनिया के दूसरे देशों की सरकारों के बीच समझौता करता है। इसमें भारत के शामिल होने पर कमला हैरिस ने कहा कि जब मैं आपसे पहली बार व्हाइट हाउस में मिली तो आर्टमिस एकार्ड में शामिल होने के लिए कहा और अब मैं बेहद खुश हूं क आप इसमें शामिल हो रहे रहे हैं।
वाशिंगटन में स्टेट लंच में शामिल रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन वाशिंगटन में स्टेट लंच में शामिल हुए। इस दौरान उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेर एंटनी ब्लिंकन भी मौजूद रहे। साथ ही अमेरिका के अलग-अलग क्षेत्रों के दिग्गज भी इस दौरान मौजूद रहे। भारतीय प्रधानमंत्री ने आर्टमिस एकॉर्ड में शामिल होने का ऐलान किया। इसके बाद जारी ज्वाइंट प्रेस स्टेटमेंट में कहा गया है हमने आज भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान की है। भारत ने अमेरिका के ग्लोबल स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप प्रोग्राम में शामिल होने का फैसला किया है।
भारत-अमेरिका के बीच हुए हैं कई समझौते
पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर भारत-अमेरिका के बीच निवेश को लेकर कई समझौते हुए हैं। तकनीकी ट्रांसफर से लेकर डिजिटल इंडिया और डिफेंस सेक्टर में निवेश का ऐलान हुआ है। इसके अलावा जो अमेरिकी कंपनियां पहले से ही भारत में काम कर रही हैं, उनकी व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के निर्णय हुए हैं। अमेरिका ने भी H1-B Visa को लेकर रणनीति में बदलाव किया है। भारत अमेरिका के सिएटल में एक कांसुलेट खोलेगा, वहीं अमेरिका भी भारत में दो कांसुलेट खोलेगा।
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