पीएम मोदी ने देखा 'लाओ रामायण': जानिए फ्रा लक फ्रा राम की साझी विरासत का इतिहास

पीएम मोदी लाओस में आसियान-भारत और ईस्ट-एशिया समिट में शामिल हुए और लाओ रामायण का एक एपिसोड देखा। उन्होंने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 10, 2024 6:26 PM IST / Updated: Oct 11 2024, 12:30 AM IST

PM Modi Laos visit: आसियान-भारत और ईस्ट-एशिया समिट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, लाओस में दो दिवसीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी, पीएम सोनेक्से सिपांडोन के निमंत्रण पर लाओस पहुंचे हैं। यहां उन्होंने समिट के दौरान विभिन्न वर्ल्ड लीडर्स से बातचीत की है।

लाओस पहुंचने पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीएम ने लाओस के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा आयोजित आशीर्वाद समारोह में भी भाग लिया। उन्होंने लाओस में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी उनसे मुलाकात कर बातचीत की। पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों से बातचीत की, उनके फोटोज पर सिग्नेचर किया। प्रवासी भारतीयेां ने बिहू डांस भी किया।

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साझी विरासत और संस्कृति को समझा

पीएम नरेंद्र मोदी ने लाओस पहुंचने के बाद दोनों देशों की साझी विरासत और संस्कृति को समझा। पीएम मोदी ने लाओ रामायण का एक एपिसोड देखा जिसे लाओस में फलक फलम या फ्रा लक फ्रा राम कहा जाता है। उन्होंने लाओ रामायण देखकर ट्वीट किया कि विजय दशमी कुछ ही दिनों में आने वाली है और आज लाओ पीडीआर में मैंने लाओ रामायण का एक हिस्सा देखा जिसमें रावण पर प्रभु श्री राम की जीत को दर्शाया गया है। यह देखकर खुशी होती है कि यहाँ के लोग रामायण से जुड़े हुए हैं। प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे।

यहां कई रामायण परंपराएं

लाओस में सदियों से रामायण सेलिब्रेट किया जाता है। भारत और लाओस की साझा विरासत और सदियों पुरानी सभ्यता यह दर्शाती है। म्यांमार, लाओस, कंबोडिया और थाईलैंड जैसे कई राष्ट्र थेरवाद बौद्ध के नेतृत्व में है। यहां कई रामायण परंपराएं हैं।

लाओस को प्राचीन भारतीय 'सुवर्णभूमि' या 'सोने की भूमि' के रूप में जानते थे। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, जब अशोक ने कलिंग के विरुद्ध युद्ध छेड़ा था तब अनेक लोग सुवर्णभूमि चले गए थे और अपने साथ समुद्र पार से हिंदू और बौद्ध धर्म की मान्यताएँ लेकर आए थे।

माना जाता है कि लाओस की रामायण वाल्मीकियन आख्यान से बहुत प्रभावित है और यह लाओ के इतिहास और लोगों की जीवन शैली के ढाँचे पर आधारित है।

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