पाकिस्तान में सियासी संकट: डिप्टी स्पीकर के आदेश को निलंबित करने से SC का इनकार, नवाज शरीफ पर फिर हमला

पाकिस्तान में जारी पॉलिटिकल वॉर(political war) चरम पर है। रविवार को इमरान खान (Imran Khan Niazi) ने नई चाल चलते हुए संसद को बमुश्किल 10 मिनट भी नहीं चलने दिया था। वहीं, डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव का खारिज कर दिया था। इस मामले में 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस बीच नवाज शरीफ पर दूसरी बार हमले की खबर है।

इस्लामाबाद. नेशनल असेंबली भंग करने के मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट (Pakistan Supreme Court) ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को निलंबित करने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि वो डिप्टी स्पीकर के कार्यों की समीक्षा अवश्य करेगा। साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के सभी आदेश और कार्य अदालत के आदेश के अधीन होंगे। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि राजनीति दलों को अपनी जिम्मेदारियां निभाना चाहिए। देश में कानून की स्थिति बिगड़नी नहीं चाहिए। चीफ जस्टिस ने सलाह दी कि किसी भी संस्था या पार्टी को असंवैधानिक कदम नहीं उठाना चाहिए।

पाकिस्तान में जारी पॉलिटिकल वॉर(political war) चरम पर है। रविवार को इमरान खान (Imran Khan Niazi) ने नई चाल चलते हुए संसद को बमुश्किल 10 मिनट भी नहीं चलने दिया था। वहीं, डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव का खारिज कर दिया था। इस मामले में 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan Niazi) को लेकर कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) के सर्कुलर के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आदेश जारी कर इमरान खान को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नामित किया है। यानी इमरान खान जब तक देश में नई व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तब पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 ए के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। 

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नवाज शरीफ पर दूसर बार हमला
इधर, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) के संस्थापक नवाज शरीफ के ब्रिटेन वाले ऑफिस पर दूसरी बार हमले की खबर है। बताया जाता है कि 20 से ज्यादा हमलावरों ने दफ्तर पर हमला किया। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले रविवार को भी एक आदमी ने शरीफ पर मोबाइल फेंककर मारा था।

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सुप्रीम कोर्ट कुछ खास करने में सक्षम नहीं
इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली भंग कर दी थी। इसे लेकर विपक्ष नाराज है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट का तर्क है कि वो संसद के मामले में एक हद तक ही दखलअंदाजी कर सकता है। हालांकि चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस उमर अता बंदियाल ने इस मामले को खुद संज्ञान में लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत कई लोगों को नोटिस जारी किया है। विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी अगली रणनीति तय करेगा।

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विपक्ष भी हार मानने को तैयार नहीं
विपक्ष ने 195 सदस्यों के समर्थन से पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ को अपना प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है। जबकि अयाज सादिक को अध्यक्ष नियुक्त किया है। यानी इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को फिर से मान्य किया गया है। पाकिस्तानी में छाये सियासी संकट पर पाकिस्तानी सेना ने अपनी किसी भी भूमिका से साफ इनकार किया है। सेना के जनसंपर्क विंग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने इस मामले में दो टूक कहा, "सेना का राजनीतिक प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।"

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