सार
पाकिस्तान में राजनीतिक उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही। इमरान खान के नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश के बाद कैबिनेट सचिव ने सर्कुलर जारी कर बताया कि इमरान खान अब प्रधानमंत्री नहीं हैं, ब्यूरोक्रेसी देश चलाएगी। हालांकि, कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति ने आदेश जारी किया कि इमरान खान कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan Niazi) को लेकर कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) के सर्कुलर के बाद अब राष्ट्रपति ने आदेश जारी किया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आदेश जारी कर इमरान खान को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नामित किया है। इमरान खान नई व्यवस्था होने तक पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 ए के तहत कार्यवाहक के रूप में कार्य करते रहेंगे।
पाकिस्तान सरकार के कैबिनेट सचिव ने सर्कुलर जारी करके यह जानकारी दी थी कि इमरान खान अधिकारिक तौर पर अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (Imran Khan officially no longer PM) नहीं हैं। कैबिनेट सचिव ने बताया कि पाकिस्तान की सरकार ब्यूरोक्रेसी से चलेगी, देश में फिलहाल कोई प्रधानमंत्री नहीं है।
क्या था कैबिनेट सचिव का आदेश...
पाकिस्तान सरकार की ओर से रविवार को सर्कुलर जारी किया गया। सर्कुलर में कहा गया है... "पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान विधानसभा को भंग करने के परिणामस्वरूप, संसदीय मामलों के मंत्रालय, दिनांक 3 अप्रैल, 2022, पाकिस्तान के इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 48(1) के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 58(1) के अनुसार, श्री इमरान अहमद खान नियाज़ी तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधान मंत्री पद पर नहीं रहे।
अविश्वास प्रस्ताव के पहले नेशनल असेंबली को किया भंग
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (President Arif Alvi) ने इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग (national Assembly dissolved) कर दिया गया था। डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी द्वारा इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। देर रात में पाकिस्तान कैबिनेट सचिव ने नोट जारी किया कि इमरान अहमद खान नियाज़ी अब पाकिस्तान के पीएम नहीं हैं। कैबिनेट सचिव के नोट से यह स्पष्ट हो गया है कि इमरान खान अब प्रधानमंत्री नहीं हैं और सरकार देश की नौकरशाही से चलेगी।
विपक्ष ने शहबाज शरीफ को घोषित किया प्रधानमंत्री
इस बीच विपक्ष ने 195 सदस्यों के समर्थन से पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री घोषित किया है। विपक्ष ने अयाज सादिक को अध्यक्ष नियुक्त किया जिन्होंने इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को फिर से मान्य किया। विपक्ष ने विधानसभा भंग करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित करते हुए कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सभी आदेश और कार्रवाई अदालत के आदेश के अधीन होगी।
सेना ने किसी भी हस्तक्षेप से किया इनकार
सर्वशक्तिमान पाकिस्तानी सेना ने राज्य की राजधानी में चल रही राजनीतिक घटनाओं में किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है। सेना के जनसंपर्क विंग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा, "सेना का राजनीतिक प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।"
उधर, नेशनल असेंबली भंग किए जाने का मतलब है कि अगली सरकार बनाने के लिए तीन महीने के भीतर चुनाव होंगे। बता दें कि पाकिस्तान की राजनीति के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
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