
इस्लामाबाद: पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने सोमवार को दावा किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं, नेताओं आर महिलाओं को जेल में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी पर बैन लगाने के लिए उनके 7000 कार्यकर्ताओं, नेताओं आर महिलाओं को जेल में डाल दिया गया है।
इमरान खान ने एक ट्वीट करते हुए पूछा कि सरकारी इमारत में आगजनी और गोली लगने से निहत्थे प्रदर्शनकारियों की दर्जनों मौतों के लिए कौन जिम्मेदार था, इसकी जांच किए बिना ही पीटीआई के कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया।
पीटीआई प्रमुख ने आगे लिखा, " इन गुंडों (पीडीएम के कार्यकर्ता) को हमारी सुरक्षा एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट पर कब्जा करने और संविधान को खत्म करने में मदद कर रही हैं। सभी नागरिक शांतिपूर्ण विरोध के लिए तैयार रहें, क्योंकि एक बार संविधान और सुप्रीम कोर्ट के नष्ट हो गया, तो यह पाकिस्तान के सपने का अंत होगा।"
पुलिस ने 560 से अधिक लोगो को हिरासत में लिया
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के लिए 560 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। फिलहाल मामले में और भी गिरफ्तारियां की जा रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 मई को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान 25 करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
प्रदर्शनकारियों ने 12 वाहनों में आग लगाई
बता दें कि बीते मंगलवार को इस्लामाबाद में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद से लेकर पेशावर तक देश भर के लगभग सभी शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 12 वाहनों और 34 मोटरसाइकिलों मे आग लगा दी।
प्रदर्शनकारियों ने रेडियो पाकिस्तान का हेड क्वार्टर फूंका
इतना ही उग्र प्रदर्शनकारियों ने पेशावर स्थित रेडियो पाकिस्तान के हेड क्वार्टर में आग लगा दी। इसके अलावा लाहौर में कॉर्प कमांडर के घर को भी आग के हवाले कर दिया था। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने तरनूल, संगजानी और रमना पुलिस थानों को भी निशाना बनाया। रिपोर्ट के अनुसा विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 फ्रंटियर कोर के कर्मी और 71 पुलिस अधिकारी घायल हुए थे।
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